दरअसल, 19 फरवरी 2017 को नगर पालिका चुनाव की रंजिश में पूर्व चेयरपर्सन नीलम धामा के देवर पुष्पेंद्र धामा और उसके दोस्त बासिद की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी। खेकड़ा कस्बे में हुए इस हत्याकांड के बाद मृतक पुष्पेंद्र के बड़े भाई डॉक्टर सुरेंद्र सिंह ने घटना को चुनावी रंजिश में अंजाम देना बताया था। उनकी तहरीर पर नगर पालिका की चेयरपर्सन संगीता धामा के पति रोहताश धामा, देवर रामकुमार धामा के अलावा कर्मवीर, सहदेव, जयवीर, रोहन, प्रवेंद्र समेत दो अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने नामजद आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया और मामले की जांच पड़ताल शुरू की।
बता दें कि यह केस एडीजे स्पेशल एससी-एसटी एक्ट आबिद शमीम की अदालत में चल रहा था। एडीजीसी अनुज ढाका ने बताया कि इस केस में वादी समेत 11 गवाहों की गवाही हुई थी। वहीं, अभियुक्त पक्ष के बचाव में 10 गवाहों की गवाही हुई। अदालत ने केस की सुनवाई करते हुए शनिवार को वर्तमान चेयरपर्सन संगीता धामा के पति रोहताश धामा समेत सात आरोपितों को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही जुर्माना भी लगाया है। इस सजा के बाद खेकड़ा कस्बे में माहौल गर्म है। तनाव को देखते हुए नगर में पुलिस गश्त बढ़ा दी गई है।