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उसने बताया कि नीरज वर्तमान में चार बाग रेलवे स्टेशन लखनऊ में टीसी के पद पर कार्यकरत है। आरोप है कि वर्ष 2016 में नीरज व अरूण ने एक दिन अंकुश को नीरज के मकान पर बुलाया और उससे कहा कि वह उसकी रेलवे में नौकरी लगवा देंगे। 7 इसके लिए दस लाख रुपये देने होंगे। उन्होंने कहा कि नौकरी न लगने पर उसके रुपये वापस लौटा दिए जाएंगे। पीड़ित के अनुसार उसने पांच लाख रुपये उन्हें नकद दे दिए और 3.83 लाख रुपये किश्तों में नीरज की पत्नी के खाते में ट्रांसफर करा दिए। इसके बाद उन्होने उसे टीसी के पद पर नियुक्ति का एक फर्जी ज्वाइनिंग लेटर व आईकार्ड उसे दे दिया और कई दिन तक अपने साथ ट्रेन में लेकर भी चला और कहा कि ट्रेनिंग के बाद उसे ड्यूटी मिल जाएगी। कुछ दिन अपने साथ रखने के बाद उसे यह कहते हुए घर भेज दिया कि अब उसकी छुट्टी हो गई है। वह अपने घर चला जाए। बताये गए ट्रेनिंग सेंटर पर जाने के बाद पता चला कि उसके साथ धोखाधड़ी कर रुपये ऐठ लिए गये हैं।
यह भी पढ़ें: शाहीन बाग का रास्ता खुला, अब दिल्ली से लोग सीधे जा सकेंगे नोएडा और फरीदाबाद आरोप है कि जब उसने अपने रुपये वापस मांगे तो उन्होंने देने से मना कर दिया और कहीं शिकायत करने पर जान से मारने की धमकी दी। आरोप है कि इस संबंध में उसने थाना रमाला में शिकायत की थी लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। पुलिस के कोई कार्रवाई न होने पर उसने कोर्ट की शरण ली थी। कोर्ट के आदेश पर थाना रमाला में धोखाधड़ी कर ठगी करने व मारपीट करने व धमकी की देने की धाराओं में गत 22 जनवरी को मुकदमा दर्ज किया गया था।
पीड़ित का आरोप है कि मुकदमा दर्ज होने के एक माह बाद भी पुलिस ने अभी तक आरोपियों के विरूद्ध कोई कार्रवाई नहीं है तथा आरोपी उस पर मुकदमा वापस लेने के लिए दबाव बना रहे हैं। आरोप है मुकदमा वापस न लेने पर वह उसे जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। उसने इस संबंध में एसपी को एक प्रार्थना पत्र देते हुए अवगत कराया है कि गत 15 फरवरी को वह कोचिंग जाने के लिए रमाला बस स्टैंड़ पर बस की इंतजार में खड़ा था। उसी समय वहां बिना नम्बर की बाइक पर तीन लड़के आए और मुकदमा वापस न लेने पर जान से मारने की धमकी दी। पीड़ित ने एसपी से आरोपियों के विरूद्ध कार्रवाई कराने व अपनी व अपने परिवार की सुरक्षा कराने की गुहार लगाई है।