इस दौरान पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह ने कहा कि साइबर और आईटी रिलेटेड फ्रॉड को रोकने के लिए किए जा रहे प्रयासों की श्रृंखला में यह पहला कदम है। उन्होंने उद्देश्य की चर्चा करते हुए बताया कि जनसामान्य से जुड़े हुए फ्रॉड, इसमें बैंक से पैसा निकाल लिया जाना, फेक प्रोफाइल बनाकर के उसका मिस यूज क्राइम के लिए करना। जैसे अपराध अब पुलिस इन्वेस्टिगेशन का हिस्सा बन गए हैं। ऐसे में इन्वेस्टिगेशन से जुड़े पुलिस अधिकारियों को इस कार्यशाला में डिजिटल फॉरेंसिक तथा आईटी अधिनियम के संबंधित जानकारियां दी जाएंगी। जिससे साइबर अपराध की जांच में गुणवत्ता लाने और डिजिटल फॉरेंसिंक तथा आईटी अधिनियम के संबंध में पुलिसकर्मियों को सही जानकारी मिल सके।
कमिश्नर आलोक सिंह ने कहा कि इस कार्यशाला में साइबर अपराध की जानकारी रखने वाले विशेषज्ञों की मदद से गौतमबुद्ध नगर कमिश्नरी के तीनों जोन के कंप्यूटर की जानकारी रखने वाले सभी रैंक के 300 पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। दो दिवसीय इस कार्यशाला में सुप्रीम कोर्ट के वकील, आईटी एक्ट के जानकार, सीबीआई में कार्यरत साइबर के जानकार, एथिकल हैकर रक्षित टंडन सहित कई लोग इन पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षित करेंगे। साइबर अपराध पुलिस के लिए भविष्य में बड़ी चुनौती बनने जा रहा है इसकी रोकथाम और जनमानस को इस अपराध से निजात दिलाने के लिए अभी से तैयारियां शुरू करना उन्होंने कहा कि इस तरह की कार्यशाला आगे भी आयोजित की जाएगी।