
पत्रिका समूह के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी को उप्र विधानसभा में शॉल ओढ़ाकर सम्मानित करते विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना।
जन-गण-मन यात्रा 2024 : जन-गण-मन यात्रा के तहत लोकसभा चुनाव में जनमानस टटोलने निकले पत्रिका समूह के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी ने गुरुवार को भी लखनऊ में उत्तरप्रदेश के राजनीतिक दलों के पदाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से संवाद किया। यूपी के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक समेत कई जनप्रतिनिधियों ने कोठारी से चर्चा के दौरान प्रदेश में चुनावी मुद्दों के साथ-साथ अपनी पार्टी की चुनावों में मजबूती के दावे किए।
उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक का कहना था कि कांग्रेस पार्टी अब भाई-बहन की पार्टी बनकर रह गई है। इस पार्टी की नीतियां अमरीका में बैठे लोग तय कर रहे हैं इसीलिए कांग्रेस कार्यकर्ताओं में हताशा है। उनका दावा था कि देश भर में मोदी लहर है और भाजपा प्रदेश की सभी सीटें जीत रही है।
विपक्षी नेताओं का दावा था कि केन्द्र की लाभार्थी योजनाओं, राम मंदिर का मुद्दा और जाति-धर्म के आधार पर इस बार मतदाता वोट नहीं करने वाला। इन नेताओं आरोप लगाया कि यह सरकार पीछा करने वाली सरकार है। सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनुराग भदौरिया का कहना था कि युवाओं को लेकर सरकार के पास कोई योजना नहीं है। महंगाई और बेरोजगारी इस चुनाव में निर्णायक भूमिका निभायेंगे। सपा के पूर्व विधायक महबूब अली, अपना दल (सोनेलाल) से कायमगंज की विधायक डॉ. सुरभि, भाजपा के सिधौली से विधायक राम चंद्र यादव व अयोध्या से विधायक वेद प्रकाश गुप्ता और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. अनुराग भदौरिया समेत कई स्थानीय नेताओं और जन प्रतिनिधियों ने भी कोठारी के साथ विचार विमर्श किया।
यूपी विधान सभा के अध्यक्ष सतीश महाना के आग्रह पर गुलाब कोठारी ने यूपी विधानसभा का अवलोकन भी किया। महाना ने विधान सभा में पिछले दिनों किए गए नवाचारों की जानकारी दी और बताया कि वर्ष 1958 की विधानसभा की रूल बुक में पहली बार परिवर्तन कर उसे और उपयोगी बनाया गया है। विधान सभा में सभी चीजे अब डिजिटल हैं। सभी विधायकों को लैपटॉप दिए गए हैं। सभी चीजे आनलाइन हैं। विधानसभा में अब सौहार्द पूर्ण माहौल में चर्चा होती है। उनका कहना था कि दो साल में एक भी दिन विधानसभा स्थगित नही हुई यह बड़ी बात है। विधान सभा के भ्रमण से पहले विधान सभा अध्यक्ष ने गुलाब कोठारी को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया।
तीसरे चरण के चुनाव के बाद अब यूपी के चुनाव में और गर्माहट दिखनी शुरू हो गई है। हालांकि, अपने अपने जीत के दावे कर रहे दोनों दल यह समझाने में असफल दिख रहे हैं कि उनका नया वोट बैंक कौन से हैं। यह भी चर्चा है कि चुनाव बाद बसपा सुप्रीमो मायावती राजग गठबंधन से हाथ मिला सकती हैं। हालांकि, इसका कोई प्रभाव नहीं दिखता। जनमानस से चर्चा के दौरान यह भी दिखा कि यूथ में मतदान के प्रति कोई उत्साह नहीं दिख रहा है। टिकट वितरण को लेकर भी कार्यकर्ताओं में असंतोष देखने को मिल रहा है। सोशल मीडिया में कुछ लोग इस बात को भी हवा दे रहे हैं कि भाजपा योगी आदित्यनाथ को ज्यादा मजबूत होते नही देखना चाहती है। हालांकि, एसी स्थिति दिखती नहीं है।
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Published on:
10 May 2024 08:37 am
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