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एक करोड़ की साइबर ठगी, अजब तरीके से दी अंजाम…

27 बैंकों के 103 एटीएम कार्ड सहित तीन स्वैप मशीन व एक कार जब्त। बगरू पुलिस की बड़ी कार्रवाई

बगरूMar 02, 2022 / 11:54 pm

Narottam Sharma

बगरू पुलिस की गिरफ्त में ठगी के आरोपी।

बगरू पुलिस की गिरफ्त में ठगी के आरोपी।

बगरू. एटीएम कार्ड बदल कर ठगी करनी वाली हरियाणा (मेवात) की अन्तर्राज्यीय गैंग का पर्दाफाश कर बगरू थाना पुलिस ने बुधवार को दो शातिर ठगों को गिरफ्तार कर उनके पास से 27 बैंकों के 103 एटीएम कार्ड सहित तीन स्वैप मशीन, कार व 30 हजार की नकदी बरामद की है। ठगों ने दो साल में 200 वारदातों को अंजाम दिया वहीं दिल्ली, हरियाणा तथा राजस्थान में दो दर्जन वारदातें की हैं। डीसीपी ऋचा तोमर ने बताया कि जयपुर शहर में एटीएम बूथ पर लोगों के साथ कार्ड बदल कर होने वाली वारदातों पर अंकुश लगाने के लिए टीम गठित की गई। टीम ने साकिब उर्फ कालू (29) निवासी धीरनकी जिला पलवल हरियाणा व विक्रम जाट (32) उर्फ संदीप निवासी सुर्खपुर थाना दुजाना जिला झज्जर हरियाणा को गिरफ्तार किया।
यू देते थे वारदातों को अंजाम
थानाधिकारी विक्रमसिंह चारण ने बताया कि गैंग वर्ष 2019 से अब तक दौ सौ से अधिक वारदातों को अंजाम दे चुकी है। एक करोड़ रुपए से ज्यादा की ठगी कर चुके हैं। ये बदमाश चौपहिया वाहन से एटीएम बूथ पर पहुंचते हैं। इस बात की निगरानी करते हैं कि एटीएम बूथ से रुपए निकालने वाले व्यक्ति को नकदी निकालना नहीं आता है। इसके बाद दो व्यक्ति दाएं बाएं खड़े हो जाते हैं। उस व्यक्ति को पैसे निकालने में मदद करने की बात कहते हैं। पैसा निकालने वाले की हां करने के बाद उस व्यक्ति के एटीएम कार्ड को एटीएम मशीन में डलवाते हैं। पिन नम्बर एंटर करने के लिए कहते हैं। बदमाश पिन नम्बर को उसी समय देख लेते। उसी से बैलेंस चैक करवाते। इस दौरान आरोपी एटीएम मशीन का कैशलेस ट्रांजेक्टशन बटन को दबा देते। एटीएम धारक अपने मोबाइल नम्बर की बोर्ड पर टाईप करता तो उसी दौरान जिस बैंक का एटीएम होता है, उसी बैंक का कार्ड बदल लेते। बदले गए एटीएम कार्ड को दोबारा एटीएम मशीन के अन्दर डालते और इसके बाद तुरन्त वहां से तीन चार किलोमीटर की दूरी के किसी भी एटीएम बूथ पर पहुंचकर अधिकतम राशि का विड्रोल कर लेते।
बगरू के व्यापारी के 1.34 लाख निकाले
13 फरवरी को ही बगरू का व्यापारी मनोज चौधरी ने अपने कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बगरू पुलिया के पास एटीएम से रुपए निकालने गया। जहां दो युवक एटीएम केबिन में आ गए। दोनों युवकों ने मदद की बात कही। मनोज ने दोबारा से अपना कार्ड मशीन में डाला तो शातिर युवकों ने मशीन के साथ छेड़छाड़ कर दी। इसके बाद में मनोज रुपए नहीं निकाल पाया। मदद के बहाने मनोज का एटीएम कार्ड बदलकर पिन नम्बर भी देख लिया। बाद में दोनों युवक चले गए। थोड़ी ही देर बाद मनोज के बैंक अकाउंट से 1 लाख 34 हजार रुपए निकल गए।
24 वारदातों का खुलासा
इस गैंग ने कितनी वारदातें की यह तो उन्हें भी पता नहीं है। गिरफ्तार किए गए साकिब मेव व विक्रमसिंह ने बताया कि पिछले तीन साल में उन्होंने सैंकड़ों वारदातों को अंजाम दिया है। करीब 1 करोड़ से ज्यादा की ठगी की है। 24 वारदातें दिल्ली, हरियाणा तथा यूपी में थी। पुलिस बदमाशों से पूछताछ कर रही है।
स्वैप मशीनों से शॉपिंग करते, एटीएम से निकालते नकदी
गैंग रुपए ऐंठने के सभी तरीके आजमाती है। हर बैंक की कैश निकालने की लिमिट फिक्स होती है। ऐसे में जिन अकाउंट में ज्यादा रुपए होते हैं उन्हें निकालने के लिए आरोपी स्वैप मशीनें साथ रखते थे। पहले लाखों रुपए की खरीदारी करते थे। बाद में एटीएम पर जाकर नकदी निकाल लेते। यह गैंग पहले अधिकतम कैश विड्रोल करती फिर स्वैप मशीन का उपयोग कर उससे कनेक्टेड अकांउट में अधिकतम शॉपिंग राशि को ट्रांसफर करते। इनके पास तीन स्वैप मशीनें मिली है। इनमें से एक पेटीएम, दो भारत स्वैप की हैं।
10 हजार रुपए से कम राशि वाले खातों से नहीं निकालते पैसे
जिन अकाउंट में 10 हजार रुपए से कम राशि होती, उन खातों से रुपए नहीं निकालते थे। मदद के दौरान आरोपी पीड़ित व्यक्तियों से एटीएम मशीन में कार्ड डलवा कर पिन लगाने के लिए कहते थे। इसी दौरान पिन नम्बर याद कर लेते थे।

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