हरमाड़ा पुलिस थाने का घेराव, चार घंटे तक विरोध-प्रदर्शन
आरोपी युवक-युवती के खिलाफ हत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज, राजावास के युवक की सूरत में मौत का मामला
हरमाड़ा थाने का घेराव, चार घंटे तक विरोध-प्रदर्शन
दौलतपुरा/राजावास (जयपुर). हरमाड़ा थाना क्षेत्र के राजावास निवासी परिवहन विभाग के जूनियर अकाउंटेंट का शव 23 अक्टूबर को सूरत के रेलवे ट्रैक पर मिलने के मामले ने शुक्रवार को तूल पकड़ लिया। आत्महत्या के लिए उकसाने वाले आरोपियों को गिरफ्तार न करने व पुलिस की लापरवाही से नाराज होकर सैकड़ों ग्रामीण शुक्रवार सुबह 7 बजे से ही थाने के सामने धरने पर बैठ गए और थाने का घेराव कर आरोपियों को शीघ्र गिरफ्तार करने की मांग की। इसी दौरान शव को परिजनों व ग्रामीणों ने घर नहीं ले जाने दिया व रास्ते में ही रोककर जब तक आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई। तब तक थाने के सामने लोगों ने जमकर विरोध-प्रदर्शन किया। इस दौरान ग्रामीण पुलिस पर लापरवाही व मिलीभगत का आरोप लगाते रहे और पुलिस के खिलाफ नारे भी लगाए। सूचना मिलने पर डीसीपी स्वयं मौके पर पहुंचे। बाद में उन्होंने घटना के आरोपी युवक-युवती के खिलाफ आत्महत्या को लेकर उकसाने का मामला दर्ज कराया। तब जाकर ग्रामीण शांत हुए।
यह है मामला
राजावास निवासी विनोद देवन्दा 20 अक्टूबर को अचानक लापता हो गया था। परिजनों ने 21 अक्टूबर को हरमाड़ा में गुमशुदगी दर्ज करवाई। अगले ही दिन अपहरण व हत्या की आशंका जताते हुए मामला दर्ज कर आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की। इसी दौरान 23 अक्टूबर शाम को 4 बजे हरमाड़ा थाना को सूचना मिली की सूरत में रेल पटरियों के बीच में शव पड़ा है। शव को लेने विनोद के परिजन व पुलिस सूरत रवाना हो गई। वहां पोस्टमार्टम करवाकर शव शुक्रवार जयपुर पहुंच गया।
सगाई होते ही आ रही थी धमकियां
विनोद के चाचा बंशीधर देवन्दा ने रिपोर्ट में बताया कि भतीजा विनोद (24) पुत्र गुल्लाराम देवन्दा करीब डेढ़ साल से राजस्थान परिवहन विभाग में जूनियर अकाउंटेंट के पद पर जयपुर में नौकरी करता था। करीब सालभर पहले विनोद व उसके छोटे भाई की ग्राम रामपुरा डाबड़ी में बाबूलाल मंडोलिया की पुत्री सुनीता व रीना से सगाई हुई थी। तब सुनीता ने बताया कि उसका शाहपुरा निवासी अजय चौधरी से करीब 2 साल से संबंध हैं और वह उसी से शादी करेंगी। सुनीता विनोद से की गई बातचीत को रिकॉर्ड कर अजय चौधरी को देती थी और सुनीता व अजय चौधरी द्वारा विनोद को लगातार प्रताडि़त किया जा रहा था कि रिश्ता तोड़ दे। सुनीता व अजय चौधरी द्वारा फोन पर बार-बार जान से मारने की धमकियां दी जा रही थी।
राजावास में नहीं जले चूल्हे
करीब 12 बजे थाने पर प्रदर्शन के बाद उसका शव गांव पहुंचा। शव पहुंचने की जानकारी मिलते ही राजावास में सुबह से ही चूल्हे नहीं जले। इधर, व्यापारियों ने दिनभर दुकानें बंद रखी। मृतक विनोद 6 भाई-बहनों में सबसे बड़ा था। उसके पिता अपाहिज है, घर की सारी जिम्मेदारी उसके कंघों पर ही थी।
परिजनों को नौकरी दिलाने की गुहार
जनप्रतिनिधियों व लोगों ने विनोद के परिजनों को सरकारी नौकरी दिलाने की मांग की। घटनाक्रम के आरोपियों को शीघ्र गिरफ्तार करने व उसकी जांच उच्चाधिकारियों से करवाने, लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई करने की मांग की।
इनका कहना है
मुझे मामले की जानकारी नहीं थी। आज ही मामले की जानकारी मिली है। मामले में शामिल किसी भी आरोपी को छोड़ा नहीं जाएगा और मामले की निष्पक्ष जांच होगी।
अशोक गुप्ता, डीसीपी (जयपुर पश्चिम)