scriptजोबनेर में पाइपों का जाल, पानी बेहाल | water line problem in jobner | Patrika News
बगरू

जोबनेर में पाइपों का जाल, पानी बेहाल

चीफ इंजीनियर को दो वर्ष पूर्व भिजवाया जा चुका प्रस्तावएक लाइन बिछे तो लोगों को मिलेगा फायदा

बगरूJun 12, 2018 / 11:32 pm

Ramakant dadhich

water line problem

जोबनेर में पाइपों का जाल, पानी बेहाल

जोबनेर. कस्बे के पेयजल उपभोक्ताओं के लिए बीसलपुर परियोजना का पानी मिलना लगभग एक वर्ष पूर्व शुरू हो चुका है। इसके पानी संग्रहण के लिए 5 लाख लीटर क्षमता की पानी की टंकी का निर्माण भी टीले के पास शुरू हो चुका है। लेकिन कस्बेवासियों को पेयजल लाइनों के मकडज़ाल से आखिर कब मुक्ति मिलेगी। जानकारी अनुसार वर्तमान में कस्बे में अनेक पाइप लाइनें बिछी हुई है, जबकि केवल एक पाइप लाइन बिछाने का प्रस्ताव विभाग के चीफ इंजीनियर को दो वर्ष पूर्व ही भिजवाया चुका है। लाल फीताशाही व राजनीतिक इच्छा शक्ति के अभाव में ये प्रस्ताव कागजों में ही अटका पड़ा है, जबकि सांभर तहसील की तीनों नगरपालिकाओं सांभर, फु लेरा व रेनवाल के लिए विभाग ये प्रस्ताव पास कर चुका है।

सर्वे हो तो आगे बढ़े बात
विभाग के कनिष्ठ अभियन्ता विद्याधर स्वामी ने बताया कि विभाग ने कस्बे में पेयजल आपूर्ति के लिए एक पाइप लाइन बिछाने की डिटेल प्लानिंग रिपोर्ट प्रस्ताव बना के दो वर्ष पूर्व विभाग के चीफ इंजीनियर को भिजवा चुके हैं। इसके अन्तर्गत 1 लाख 32 हजार रुपए का बजट सर्वे कराने के लिए बनाकर भेजा गया है। इसके तहत कस्बे की गली-मोहल्लों में डिजाइनिंग, प्लानिंग की जाएगी। इसके लिए निविदा भरी जाएगी। सर्वे पूरा होने की रिपोर्ट विभाग में जाएगी। प्रस्ताव में कस्बे में 5 लाख लीटर व 1.75 लाख ली. क्षमता की टंकी बनना प्रस्तावित थी, जिनका निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। जबकि 3.25 लाख ली. क्षमता की टंकी पहले से ही है।

एक ही जगह चार-पांच पाइप लाइन
वर्तमान में कस्बे में पेयजल आपूर्ति बीसलपुर परियोजना व आठ किमी दूर खेजड़ावास व कालख स्थित बोरिंगों से हो रही है। यहां से पानी पाइपलाइन द्वारा कस्बे में स्थित टंकियों में आता है। जहां से कस्बे में पेयजल आपूर्ति होती है। कस्बे में पिछले 50 वर्ष से अधिक समय से पाइपलाइनों का जाल बिछा हुआ है। हालत यह है कि कस्बे में चार-पांच पाइप लाइनों का जाल बिछा हुआ है, जिनमें एक को छोडक़र बाकी बेकार पड़ी है। जब पेयजल आपूर्ति होती है तो इन लाइनों में पानी भर जाता है और व्यर्थ चला जाता है। लोगों ने भी अलग-अलग लाइनों से कनेक्शन ले रखे हैं। ज्यादा पाइप लाइन होने के चलते पेयजल आपूर्ति भी कम दबाव से होती है। जिसके चलते केवल 5-7 मिनट पानी आता है। कस्बेवासियों का कहना है कि इतनी पाइपलाइन के बजाय एक पाइप लाइन हो तो पेयजल व्यवस्था में सुधार आ सकता है।

अधिक दबाव से मिलेगा मिले
प्रस्ताव पास होने पर पूरे कस्बे में एक पाइप लाइन से पानी की आपूर्ति होगी। जिससे लोगों को अधिक दबाव से ज्यादा पानी मिलेगा। साथ ही पिछले पचास वर्ष से जर्जर हो चुकी पाइप लाइनों से भी मुक्ति मिल सकेगी।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो