बावनथड़ी नदी पर चन्द्रकुंआ में नहीं रुक रहा अवैध खनन
अवैध खनन रोकने में नाकाम प्रशासन
बावनथड़ी नदी पर चन्द्रकुंआ में नहीं रुक रहा अवैध खनन
बालाघाट. दो राज्यों की जीवनदायिनी बावनथड़ी नदी पर चन्द्रकुंआ में ग्राम पंचायत टुईयापार को स्वीकृत रेतघाट की आड़ में जमकर रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा है। इस अवैध उत्खनन के संबंध में ग्रामीणों ने तहसीलदार से लेकर अनुविभागीय अधिकारी तक शिकायत की है। बावजूद इसके प्रशासन रेत के अवैध खनन को रोकने और रेत माफिया पर कार्रवाई करने में पूरी तरह से नाकाम साबित हो रहा है। सत्ताधारी नेताओं के संरक्षण पर रेत माफिया बावनथड़़ी नदी को खोखली कर रहे है। वहीं शिकायत के बाद जो अधिकारी अवैध उत्खनन को रोकने की कोशिश भी कर रहा है, उनका रातों-रात तबादला किया जा रहा है। हाल ही में खैरलांजी तहसीलदार का स्थानातंरण इस बात का प्रमाण है। खैरलांजी तहसीलदार प्रीति चौरसिया ने 3 दिन पहले चन्द्रकुंआ में चल रहे अवैध रेत उत्खनन की जांच करने के लिए राजस्व निरीक्षक को मौके का निरीक्षण करवाया था। जिसके बाद उनका तबादला करा दिया गया है।
मध्यप्रदेश सरकार की नई रेत खनन नीति के तहत नदी से रेत निकालने के लिए किसी भी तरह की मशीनों का उपयोग पूरी तरह प्रतिबंधित है, लेकिन बावनथड़ी नदी पर चन्द्रकुंआ में जेसीबी मशीन से रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा है। गत दिवस अनुविभागीय अधिकारी रोशन सिंह ठाकुर के संज्ञान में अवैध रेत उत्खनन का मामला संज्ञान में लाया गया है। जिसके बाद उन्होंने चन्द्रकुंआ रेतघाट का सीमाकंन करने की बात तो कही। लेकिन अब तक सीमाकंन नहीं करवाया है। बहरहाल, जिस तरीके से बावनथड़़ी नदी से रेत का अवैध खनन किया जा रहा है उससे नदी के अस्तित्व पर संकट के बादल मंडरा रहे है।
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