खाद की समस्या होगी न बीज के लिए पैसों की कमी
सुविधा-किसान के्रडिट कार्ड से बदल रही किसानों की जिंदगी, शून्य प्रतिशत ब्याज पर कर्ज लेकर कर रहे किसानीजिले में 2 लाख 36 हजार 264 किसान उठा रहे इस सुविधा का लाभ
बालाघाट. पैसों की कमी के चलते न तो खाद की समस्या होगी और न ही बीज के लिए किसानों को भटकना पड़ेगा। दरअसल, किसान के्रडिट कार्ड से किसानों को जिंदगी बदल रही है। यह सुविधा जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के माध्यम से किसानों को उपलब्ध कराई जा रही है। केसीसी से किसान शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण लेकर कृषि कार्य कर सकते हैं।
जानकारी के अनुसार जिले में 2 लाख 36 हजार 264 किसान इस सुविधा का लाभ उठा रहे हैं। इसमें से 1 लाख 35 हजार किसान लेन-देन करते हैं। जबकि 80 हजार किसान ऐसे हैं, जो जेएसके बैंक की इस सुविधा का नियमित तौर पर लाभ उठाते हैं। ऐसे किसानों को खाद, बीज सहित कृषि कार्यों के लिए पैसों की कमी नहीं होती है। खरीफ और रबी सीजन के लिए ऋण लेने के बाद किसान उसका नियत समय पर भुगतान भी कर देते हैं। हालांकि, जो किसान भुगतान नहीं करते हैं उन्हें डिफाल्टर की श्रेणी में रखा जाता है।
खरीफ और रबी सीजन के लिए ले सकते हैं कर्ज
किसान के्रडिट कार्ड से वर्ष में दो बार कर्ज लिया जा सकता है। खरीफ और रबी सीजन के लिए शून्य प्रतिशत पर जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक से किसानों को ऋण उपलब्ध कराया जाता है। जेएसके बैंक से मिली जानकारी के अनुसार खरीफ का सीजन 1 अप्रेल से सितम्बर माह तक होता है। इस अवधि में लिए गए ऋण राशि का भुगतान 30 मार्च तक करना होता है। वहीं रबी का सीजन 1 अक्टूबर से 30 मार्च तक होता है। इस अवधि में लिए गए ऋण की राशि का भुगतान 30 जून तक करना होता है।
समय पर ऋण की अदायगी नहीं करने पर लगता है ब्याज
किसान के्रडिट कार्ड से लिए गए ऋण की राशि का समय पर अदायगी नहीं करने पर ब्याज भी वसूला जाता है। खरीफ और रबी सीजन की नियत तिथि में ऋण राशि जमा नहीं करने पर 10 प्रतिशत वार्षिक दर से ब्याज का भुगतान करना होता है। ऋण राशि और ब्याज का भुगतान नहीं करने पर किसानों को डिफाल्टर भी कर दिया जाता है।
रकबे के आधार पर तय होती है लिमिट
किसान के्रडिट कार्ड के लिए रकबे के आधार पर ऋण की लिमिट तय की जाती है। प्रति हेक्टेयर 45 हजार रुपए की राशि बतौर ऋण प्रदान किया जाता है। इसके अलावा नियमित ऋण दाता किसानों के लिए करीब दो लाख रुपए ऋण की सुविधा भी उपलब्ध है। लेकिन इस ऋण के लिए किसानों को दस प्रतिशत वार्षिक ब्याज का भुगतान करना होता है।
बैगा आदिवासियों को पहली बार मिला केसीसी
जिले के करीब एक सैकड़ा बैगा आदिवासियों को पहली किसान के्रडिट कार्ड की सुविधा मिली है। प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत चिन्हित बैगा आदिवासी किसानों को इस योजना का लाभ दिया गया है। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक से मिली जानकारी के अनुसार पीएम जनमन योजना के तहत जिले के 260 बैगा बाहुल्य ग्रामों को चिन्हित किया गया था। जिसमें बैहर, बिरसा, परसवाड़ा, किरनापुर, लांजी, वारासिवनी, बालाघाट और लालबर्रा विकासखंड शामिल है। इन ग्रामों से 97 बैगा आदिवासी किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड देने के लिए चिन्हित किया गया था। योजना के तहत इन किसानों को केसीसी का वितरण कर दिया गया है। सबसे अधिक केसीसी का वितरण बैहर विकासखंड में किया गया है।
इनका कहना है
हमें पहली बार किसान के्रेडिट कार्ड मिला है। इससे हमें कृषि कार्यों के लिए पैसों की दिक्कत नहीं होगी। शून्य प्रतिशत ब्याज पर वर्ष भर के लिए हम समिति से ऋण ले सकते हैं।
-रुखतीन बाई, महिला कृषक, लिमोटी
खरीफ के सीजन में पैसों की कमी के चलते खाद, बीज नहीं ले पाते थे। अब किसान के्रडिट कार्ड से समिति हमें यह सुविधा उपलब्ध कराई है। इससे हमारे जैसे अन्य किसानों को भी फायदा होगा।
-नवल सिंह, कृषक, जालदा
किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण की सुविधा केसीसी के माध्यम से दी जा रही है। खरीफ, रबी सीजन के लिए अलग-अलग तिथियों में ऋण प्रदान किया जाता है। पीएम जनमन योजना के तहत पहली बार चिन्हित 97 बैगा आदिवासी किसानों को केसीसी प्रदान किया गया है। जिले में 2 लाख 36 हजार 264 किसान केसीसी का उपयोग कर रहे है।
-आरसी पटले, सीईओ, जेएसके बैंक, बालाघाट