बाघ का आतंक, हमले से कृषक घायल, अस्पताल में भर्ती
मवेशी चराने खेत गया था ग्रामीणग्राम कटंगझरी की घटना
बालाघाट. वारासिवनी वन परिक्षेत्र में बाघ का आतंक बना हुआ है। गुरुवार को बाघ ने एक कृषक पर हमला कर दिया। हमले से कटंगझरी पटेलटोला निवासी कृषक ध्यान सिंह उइके (63) गंभीर रुप से घायल हो गया है। घायल ग्रामीण को परिजनों ने उपचार के लिए जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया है। इधर, बाघ के आतंक से ग्रामीणों में दहशत का माहौल बना हुआ है।
कटंगझरी निवासी ग्रामीण अमर सिंह उइके ने बताया कि ध्यान सिंह उइके ध्यान सिंह उइके गुरुवार को अपने मवेशियों को चराने के लिए खेत गया था। दोपहर करीब 12.30 बजे वह मवेशियों को धोने के लिए लेकर जा रहा था। जब वह पड़ोसी लक्ष्मण मरावी के खेत पहुंचा था, जहां उसकी नजर बाघ पर पड़ी। ध्यान सिंह संभल पाता उसके पूर्व ही बाघ ने उस पर हमला कर दिया। हमले में ध्यान सिंह गंभीर रुप से घायल होकर बेहोश हो गया। जब उसे होश आया तो उसने अपने पास रखे मोबाइल से छोटे पुत्र अजय उइके से संपर्क किया। अजय उइके मलाजखंड में निवास करता है। अजय ने कटंगझरी में ही उनके पड़ोसियों को सूचना दी। पड़ोसियों ने ध्यान सिंह के परिजनों को जानकारी दी। सूचना मिलते ही ध्यान सिंह का बड़ा पुत्र और पड़ोसी धनीराम उइके सहित अन्य घटना स्थल पर पहुंचे। जहां ध्यान सिंह जमीन पर पड़ा हुआ था। जिसे पहले घर लेकर आए। इसके बाद सीधे जिला चिकित्सालय लाकर भर्ती कराया गया है। जहां उसका उपचार जारी है। उन्होंने बताया कि इस मामले की सूचना वन विभाग को भी दे दी गई है। उल्लेखनीय है कि जनवरी माह में ही बाघ ने मानुटोला निवासी मिठ्ठनलाल उइके पर हमला कर दिया था। मिठ्ठन लाल भी मवेशियों को चराने के लिए जंगल गया था।
ग्रामीणों में दहशत
इस घटना के बाद से ग्रामीणों में दहशत का माहौल बना हुआ है। शाम ढलते ही गांव में सन्नाटा पसर गया। ग्रामीण घरों से बाहर निकलने से कतरा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि लालबर्रा, वारासिवनी वन परिक्षेत्र में बाघ का लगातार मूवमेंट बना हुआ है। जिसके कारण ग्रामीणों में भय का माहौल बना हुआ है। इधर, वन विभाग भी लगातार ग्रामीणों को अलर्ट रहने कह रहा है।
बाघिन के होने की जता रहे संभावना
ग्रामीणों के अनुसार क्षेत्र में बाघिन अपने दो शावकों के साथ विचरण करते हुए नजर आती थी। लेकिन 17 मार्च को चंदन नदी में बाघ के शावक का शव मिला था। यह शव वारासिवनी के तुमड़ीटोला सांवगी के बीच मिला था। यह शव उसी बाघिन के शावक का है। ग्रामीणों ने संभावना जताई है कि बाघिन अपने शावक को खोजने के लिए यहां-वहां विचरण कर रही है।
गांव में प्रवेश कर रहे वन्यप्राणी
ग्रामीणों के अनुसार बीते दिनों सांवगी गांव में रात्रि के समय में बाघ आ गया था। ग्रामीणों ने शोर-शराबा कर बाघ को खदेड़ा था। इस तरह बाघ का लगातार मूवमेंट बना हुआ है। इसके पूर्व भी वारासिवनी वन परिक्षेत्र के एक दर्जन से अधिक गांवों में बाघ की दहशत बनी हुई थी। उल्लेखनीय है कि ग्रीष्म ऋतु प्रारंभ होते ही वन्यप्राणी गांवों की ओर आने लगते हैं। इस दौरान हिंसक वन्य प्राणी ग्रामीणों पर हमला भी कर देते हैं।
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