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गंगा में बाढ़ से तबाही, बलिया में स्थिति भयावह, ताश के पत्तों की तरह ढह गया स्कूल और पानी टंकी

केहरपुर व दुबेछपरा में रिंग बंधे पर फिर शुरू हुआ कटान।

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Flood

बाढ़

बलिया. गंगा के जलस्तर में एक बार फिर तेजी से तटवर्तियों की जान आफत में आ गयी है। एक घंटे में तीन सेंटीमीटर के बढ़ाव के बाद केहरपुर व दूबे छपरा में रिंग बंधे पर फिर कटान शुरू हो गया है। रविवार की सुबह अचानक ही केहरपुर गांव की पानी टंकी और सरकारी स्कूल ताश के पत्तों की तरह ढहकर बाढ़ के पानी में समा गया। कटान के बाद लोगों का पलायन जारी है। बाढ़ नियंत्रण कक्ष गायघाट पर रविवार को नदी 1.13 मीटर ऊपर बह रही है। यहां जलस्तर सुबह आठ बजे तक 58.750 मीटर रिकॉर्ड किया गया, जबकि यहां खतरे का निशान 57.615 मीटर ही है।

कटान रोकने के लिये बाढ़ विभाग ईंट से भरी बोरियां कटान की जगह पर लगातार डाल कर उसे रोकने का प्रयास कर रही हैं, लेकिन यह सब नाकाफी साबित हो रहा है। पानी के बहाव और जलस्तर में बढ़ोत्तरी के चलते उपाय काम नहीं आ रहे हैं।

मझौवां में गंगा तीसरी बार लाल निशान को पार कर गयी है, जिसके बाद लहरों का तांडव शुरू हो गया है। रविवार की सुबह लोग बाढ़ से बचने की जुगत में ही थे कि बैरिया तहसील के केहरपुर गांव में बिल्कुल तटपर पहुंच चुकी पानी की टंकी अचानक ही भरभराकर पानी में समा गयी। इससे केहरपुर व सुघरछपरा समेत आधा दर्जन गांवों में शुद्ध पेयजल का संकट खड़ा हो गया है। कटान से लगातार अफरा-तफरी मची हुई है। दुबे छपरा रिंग बंधा पर भी खतरा बढ़ता जा रहा है।

उधर कटान से परेशान लोगों का बाढ़ विभाग और प्रशासन के अधिकारियों के प्रति गुस्सा बढ़ता जा रहा है। लोगों का आरोप है कि विभाग या प्रशासन की ओर से कोई अधिकारी उनकी सुध नहीं ले रहा है।