बलिया के कलेक्ट्रेट सभागार में लेखपालों को लैपटॉप वितरण का कार्यक्रम चल रहा था। खुद जिलाधिकारी मौजूद थे इस वितरण कार्यक्रम में और लेखपालों सहित वहां मौजूद अधिकारियों और कर्मचारियों को ये समझा रहे थे कि कंप्यूटर और तकनीक से काम कितने आसान हो सकते हैं और उनकी गुणवत्ता में गुणत्मक तरीके से बढ़ सकती है।
पर यह सब बांसडीह के तहसीलदार पं. विद्यासागर दुबे को बेकार लग रही थी, तभी तो वो जिलाधिकारी की इन बातों पर गौर करने के बजाय अपने मोबाइल में सुडोकू गेम खेलने में व्यस्त थे। वह खेल तो गेम रहे थे लेकिन सामने वालों को एक्सप्रेशन इस तरह का दे रहे थे जैसे कोई जरूरी काम मोबाइल पर कर रहे हों। हद तो ये कि मोबाइल पर गेम खेल रहे तहसीलदार पं. विद्यासागर दुबे को यह पता भी नहीं चला कि कब डीएम वहां से उठकर चले गए।
इस बाबत जब एडीएम रामाश्रय से पूछा गया कि अधिकारी सरकारी योजनाओं और उनके क्रियान्वयन को लेकर कितना सक्रिय रहते हैं, तो उन्होंने बड़ी ही बहादुरी से जवाब दिया बहुत ज्यादा सीरियस रहते हैं। इसके बाद उन्हें तहसीलदार पं. विद्यासागर दुबे का कार्यक्रम के दौरान मोबाइल पर गेम खेलने का वीडियो दिखाया गया तो वह चुप हो गए और उसके बाद कुछ नहीं बोले।
By Amit Kumar