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बालोद

मलेरिया के 16 मिले मरीज, संवेदनशील हैं 64 गांव

बालोद जिले में मलेरिया ने दस्तक दे दी है। जनवरी से अब तक 16 मरीज मिल चुके हैं। 64 गांव को संवेदनशील गांव के रूप में चिन्हांकित किया गया है। इन गांवों में डीडीटी का छिड़काव भी शुरू कर दिया गया है। आने वाले समय में तेज बारिश होगी। ऐसे में नमी के कारण मलेरिया का खतरा अधिक रहेगा।

बालोदJun 27, 2022 / 10:34 pm

Chandra Kishor Deshmukh

बारिश में खतरा अधिक : तेज बुखार के साथ ठंड लगे तो तुरंत जांच करवाएं, 14 दिन खाएं दवा

मलेरिया जांच के लिए रक्तपट्टी लेती हुईं चिकित्सक।

बालोद. जिले में मलेरिया ने दस्तक दे दी है। जनवरी से अब तक 16 मरीज मिल चुके हैं। 64 गांव को संवेदनशील गांव के रूप में चिन्हांकित किया गया है। इन गांवों में डीडीटी का छिड़काव भी शुरू कर दिया गया है। आने वाले समय में तेज बारिश होगी। ऐसे में नमी के कारण मलेरिया का खतरा अधिक रहेगा। जिला मलेरिया विभाग ने भी लोगों को अपने घरों के आसपास सावधानी बरतने के निर्देश दिए हैं। जिले के गांव-गांव में मलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जागरुकता अभियान की शुरुआत की गई है।

1.28 लाख रक्त पट्टी से जांच करने का लक्ष्य
जिला स्वास्थ्य व मलेरिया विभाग के मुताबिक जिले में मलेरिया जांच की रफ्तार अभी धीमी है। जैसे ही बारिश ज्यादा होगी तो मलेरिया के मरीज भी ज्यादा मिलेंगे। इस बार विभाग ने जिले में कुल 1 लाख 28 हजार 500 लोगों की रक्तपट्टी से जांच करने का लक्ष्य रखा है। अब तक 51 हजार 555 लोगों की जांच हो चुकी है। कुल 16 लोग मलेरिया पॉजिटिव पाए गए हैं।

50 गांवों में बांटेंगे मच्छरदानी
विभाग के मुताबिक मलेरिया के प्रकोप को देखते हुए जिले के चिन्हांकित 50 गांवों में मच्छर से बचने 25 हजार मच्छरदानी का भी वितरण किया जाएगा। जिसके तहत तैयारी शुरू हो गई है।

हितेकसा अतिसंवेदनशील
मलेरिया विभाग के मुताबिक जिले के हितेकसा गांव में बीते साल सबसे ज्यादा मलेरिया के मरीज मिले थे। इस वजह से इस गांव को अतिसंवेदनशील गांव के रूप में चिन्हांकित किया गया है। इस गांव में विभाग ज्यादा फोकस करेगा।

मलेरिया से दो साल में एक भी मौत नहीं
राहत की बात यह है कि दो साल में एक भी मौत मलेरिया से नहीं हुई हैं। बीते साल 100 से अधिक गांव संवेदनशील थे। इस बार घटकर 64 हो गई है। वहीं विभाग उम्मीद कर रहा है कि आने वाले साल में इनकी संख्या और घट जाएगी। बीते साल जिले में कुल 227 मरीज मिले थे।

मलेरिया के लक्षण और बचाव
तेज बुखार के साथ ठंड लगना, उल्टी दस्त, तेज पसीना आना एवं शरीर का तापमान 100 डिग्री सेटीग्रेड से ऊपर बढ़ जाना, सिर दर्द, शरीर में जलन एवं बुखार आने पर शरीर में कमजोरी होना लक्षण हैं। मलेरिया से बचाव के लिए घर के आसपास पानी को एकत्रित न होने दें। सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें। नीम के पत्ती का धुआं करें। अपने घर के नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में रक्त की जांच अवश्य करवाएं। बुखार होने पर तुरंत जांच कराएं। मलेरिया होने पर 14 दिन तक गोली खाएं।

डेंगू के मरीज मिले तो तत्काल दें सूचना
जिला स्वास्थ्य विभाग ने जिले में अलर्ट जारी कर दिया है। सभी निजी चिकित्सालयों को भी निर्देश जारी किए गए हैं। डेंगू के मरीज मिले तो तत्काल सूचना दें। जिला अस्पताल सहित सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में आरडी किट के जरिए जांच की सुविधा है। नगरीय निकायों के साथ मिलकर साफ-सफाई, कीटनाशक दवाई का छिड़काव, नुवान छिड़काव, टैमिफास दवाई का छिड़काव शुरू कर दिया गया है।

चलाया जा रहा जागरुकता अभियान
बालोद के सहायक जिला मलेरिया अधिकारी आरके सोनबोईर ने बताया कि मलेरिया रोकथाम के लिए लगातार जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है। मलेरिया की जांच भी की जा रही है। लोगों को जागरूक कर अपने घरों की साफ -सफाई करने के निर्देश दिए जा रहे हैं।

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