गांव के हैंडपंप, बोर से निकल रहा लाल पानी
सोमवार को आड़ेझर मनकुंवर के ग्रामीण अपने साथ बोतल में लाल पानी लेकर कलक्टोरेट पहुंचे और कहा की क्या इस लाल पानी को पीकर बीमार पड़े या मर जाएं। लाल पानी से तीन गांव के लगभग 1509 किसानों की जमीन भी प्रभावित है। यही नहीं गांव के हैंडपंप, बोर से लाल पानी निकल रहा है। कुछ जगह पानी साफ है तो वह मीठा पानी नहीं बल्कि आयरनयुक्त पानी है। ऐसे में ग्रामीणों को पेयजल व किसानी के लिए परेशानी हो रही है। वहीं कलक्टर ने इस गांव में तत्काल टीम भेजकर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश दिए हैं।
सबसे पहले यही गांव होता है लाल पानी का शिकार
ग्रामीण सूरज राम ने बताया कि दल्ली माइंस से जो लाल पानी आता है, वह सबसे पहले आड़ेझर को प्रभावित करता है। इसके बावजूद भी इस गांव की ओर शासन-प्रशासन ने ध्यान ही नहीं दिया। बड़ी बात यह है कि इस गांव का नाम प्रभावित सूची में भी नहीं जोड़ा गया है। जबकि लाल पानी को लेकर कई बार आंदोलन भी किया गया, लेकिन न शासन को ?याल आया और न ही बीएसपी प्रबंधन को।
हैंडपंप से निकल रहा लाल व गंदा पानी
सरपंच यमुना बाई ने बताया कि गांव के हैंडप?प से लाल व गंदा पानी भी निकल रहा है। मजबूरी में इस पानी को पीना पड़ता है। कुछ जगह तो हैंडपंप का पानी साफ निकलता है, लेकिन पानी आयरनयुक्त रहता है। कई बार पानी को उबाल कर पीना पड़ता है। इस समस्या के बारे में तो अधिकारी भी अवगत हैं, लेकिन सभी मौन हैं और ग्रामीण लाल व गंदे पानी से परेशान हो गए हैं। तत्काल राहत दिलाई जाए।
बांध बनाने की मांगी अनुमति
ग्रामीण सूरज ने बताया कि ग्राम आड़ेझर सहित मनकुंवर, दर्राटोला के लगभग 1500 किसानों की जमीन लाल पानी से प्रभावित है। यही नहीं आड़ेझर के ही 500 हेक्टेयर जमीन लाल पानी से प्रभावित है। आज तक इस लाल पानी से निजात दिलाने कोई पहल नहीं की गई और आज भी किसान लाल पानी से प्रभावित हैं। किसानों ने कहा कि ग्राम के चरोटा तालाब को चौटा बांध बनाने की मांग भी की है किसानों का कहना है कि इस तालाब को बांध बनाने से किसानों को सिंचाई के लिए मदद मिलेगी। अभी तक अनुमति नहीं मिली है।
तत्काल कार्रवाई की जाएगी
बालोद कलक्टर रानू साहू ने कहा इस मामले की जानकारी मिली है। गांव में अधिकारी को भेजकर तत्काल कार्रवाई कराई जाएगी।