scriptआखिर नेत्रहीन चंद्रिका को मिली नई गुमटी | After all, the blind Chandrika got a new dump | Patrika News
बालोद

आखिर नेत्रहीन चंद्रिका को मिली नई गुमटी

ग्राम झलमला निवासी 60 वर्षीय नेत्रहीन चंद्रिका प्रसाद को आखिरकार दुकान संचालन के लिए जिला प्रशासन ने गुमटी प्रदान की है। उन्होंने झोपड़ीनुमा दुकान में नहीं बल्कि नई गुमटी में दुकान का संचालन शुरू कर दिया है।

बालोदMay 23, 2022 / 11:01 pm

Chandra Kishor Deshmukh

औजार घुसने से हुई आंख खराब

ग्राम झलमला निवासी 60 वर्षीय नेत्रहीन चंद्रिका प्रसाद गुमटी मिलने से काफी खुश हैं।

बालोद. ग्राम झलमला निवासी 60 वर्षीय नेत्रहीन चंद्रिका प्रसाद को आखिरकार दुकान संचालन के लिए जिला प्रशासन ने गुमटी प्रदान की है। उन्होंने झोपड़ीनुमा दुकान में नहीं बल्कि नई गुमटी में दुकान का संचालन शुरू कर दिया है। गुमटी मिलने से काफी खुश हैं। नेत्रहीन चंद्रिका प्रसाद की परेशानी को लेकर पत्रिका ने 9 मई को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इसके बाद जिला प्रशासन व समाज कल्याण विभाग ने गुमटी की व्यवस्था कर दी।
औजार घुसने के कारण आंख हुई खराब
चंद्रिका प्रसाद ने पत्रिका को बताया कि वह इससे पहले दल्लीराजहरा में काम करता था। 1980 में जूते की सिलाई कर रहा था। सिलाई करने वाले औजार में धागा था, जो टूट गया और नुकीला औजार आंख में घुस गया। पहले तो एक आंख खराब थी। एक आंख से काम चला लेता था, लेकिन 20 साल बाद 2000 में उनकी एक और आंख खराब हो गई। दोनों आंख से नेत्रहीन होने के बाद भी अपने काम को नहीं छोड़ा।

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