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आखिर क्यों यहां के किसान सिंचाई के लिए पानी से कर रहे तौबा

जिला जल उपयोगिता समिति की बैठक रद्द कर दी गई। अब अगली बैठक में ही निर्णय हो पाएगा कि किसानों को धान की फसल के लिए पानी दें, या नहीं। इधर गन्ना फसल के किसान बोले अभी पानी न दें, नहीं तो फसल बर्बाद हो जाएगी।

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आखिर क्यों यहां के किसान सिंचाई के लिए पानी से कर रहे तौबा

बालोद @ patrika . जिला जल उपयोगिता समिति की बैठक रद्द कर दी गई। अब अगली बैठक में ही निर्णय हो पाएगा कि किसानों को धान की फसल के लिए पानी दें, या नहीं। इधर गन्ना फसल के किसान बोले अभी पानी न दें, नहीं तो फसल बर्बाद हो जाएगी। जानकारी के मुताबिक सोमवार को कलक्टोरेट में जिला जल उपयोगिता समिति की बैठक होनी थी, पर किसी कारण से कलक्टर व जिले के जनप्रतिनिधि उपस्थित नहीं हो पाए इस कारण बैठक को रद्द करना पड़ा। धान की फसल के लिए पानी देने या न देने के मामले में निर्णय आगामी बैठक में होगा। पर बैठक कब होगी इसकी जानकारी अभी नहीं है। किसानों का कहना है हमारी मेहनत बेकार हो जाएगी।

सताने लगा गन्ना खराब होने का डर
ज्ञात रहे कि डबल फसल के लिए जलाशय से पानी देने की बात सामने आ रही है। इसका निर्णय नहीं लिया गया है, लेकिन गन्ना की फसल लिए किसानों को डर सताने लगा है अगर अभी पानी छोड़ा गया, तो सैकड़ों किसानों के गन्ने की फसल बर्बाद हो जाएगी। अधिक पानी से कटाई के लिए तैयार फसल खराब हो जाएगी। उनका कहना है पानी छोडऩे के बाद जमीन गीली होने के कारण दिक्कत होगी, गाड़ी भी नहीं जा पाएगी। सोमवार को जनदर्शन में भी कुछ किसान अभी पानी नहीं छोडऩे की मांग करने आए थे। इसके लिए उन्होंने अधिकारी को आवेदन सौंपा है।

जिले के 24 हजार हेक्टेयर में होती है सिंचाई
जानकारी के मुताबिक जिले के 27 हजार हेक्टेयर पर जलाशय से सिंचाई होती है, पर इस बार बारिश से जलाशय जरूर भरा है पर कुछ पानी बीएसपी को दे दिया गया है जिससे अभी जलाशय में मात्र 24 फीट पानी बचा है। अगर पानी छोड़ेंगे तो लगभग 8 से 10 फीट पानी और कम हो जाएगा। पर अभी फैसला बाकी है। आगामी बैठक में निर्णय होने की बात कही जा रही है।