इस बार कृषि विभाग ने भी रबी फसल सीजन में धान का रकबा घटा दिया है। पहली बार कृषि विभाग ने इतनी बड़ी तादाद में धान का रकबा घटाया हैं। इसका कारण गर्मी के दिनों में भूजल स्तर कम हो जाना है। विभागीय जानकारी के मुताबिक किसानों द्वारा गर्मी की फसल लिए जाने से भूजल से पानी का दोहन ज्यादा होता है। इससे गंभीर जल संकट की स्थिति निर्मित हो जाती है। इस वजह से इस बार सिर्फ 14 हजार हेक्टेयर में धान की फसल ली जा रही है।
रबी फसल के लिए जिले के किसान अपने खेतों को तैयार करने में जुट गए हैं। इस बार भी किसान धान की फसल रोपा पद्धति से ज्यादा कर रहे हैं। साथ ही बीज निगम से उपलब्ध बीज का भी उपयोग कर रहे हैं। किसान अपने खेतों में धान की नर्सरी के साथ-साथ खेत को रोपाई के लिए तैयार कर रहे हैं।
कृषि विभाग इस बार धान की फसलों के बदले दलहन तिलहन पर जोर दिया जा रहा है विभागीय जानकारी के मुताबिक जिले में गर्मी के दिनों में भी धान की फसल लेने से ज्यादा पानी की खपत होने के कारण भूजल की स्थिति गंभीर हो जाती है। जिसके तहत किसानों को दलहन तिलहन सहित गन्ने की फसल लेने के लिए जागरूक किया जा रहा है।
तांदुला जलाशय से जुड़े पानी अब 20 से 25 दिन तक चलेगा। कुछ क्षेत्रों में पानी की मांग ज्यादा है इसी कारण पहले दिन 400 छोड़ा गया था। जिसके बाद नाहर में बंधान कार्य के कारण अब उसे घटाकर 200 कर दिया गया है। किसानों की मांग के बाद पानी छोडऩे की मात्रा और बढ़ा दी जाएगी।
जिले में पहली बार किसान रागी की फसल लेंगे। इसके तहत कृषि विभाग ने किसानों का चयन कर बीज का भी भंडारण कर लिया गया है। विभागीय जानकारी के मुताबिक इस बार मात्र 200 हेक्टेयर में रागी की फसल ली जाएगी।