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बालोद

शर्मनाक : लगातार जागरूकता फिर भी नाबालिगों की शादी कराने पर तुले परिजन

जिला बनने के बाद बालोद जिले में नाबालिगों की शादी के 20 मामले सामने आ चुके हैं। उसके बाद शासन की योनजा में टीम तैयार कर कहीं समझाइश देकर, तो कहीं नियम-कानून का हवाला देकर शादी रुकवाई गई।

बालोदMay 09, 2019 / 11:50 pm

Niraj Upadhyay

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शर्मनाक : लगातार जागरूकता फिर भी नाबालिगों की शादी कराने पर तुले परिजन

बालोद. युवक-युवतियों की शादी के लिए उम्र को लेकर निर्धारित नियम और कानून के बारे में लगातार प्रचार-प्रसार के बाद भी लोग इसकी अनदेखी कर रहे हैं। पालक अपनी सुविधा के लिए नाबालिगों की शादी कराने पर तुले हैं। जिले में हर साल नाबालिगों की शादी कराने के मामले सामने आ रहे हैं। इस बार एक ही दिन में अक्षय तृतीया पर चार जोड़े नाबालिगों की शादी रूकवाई गई।
समय पर सूचना मिलने से सक्रिय हुई टीम
महिला एवं बाल विकास व पुलिस की संयुक्त टीम ने परिजन को समझाकर, तो कहीं नियम-कानून का हवाला देकर चार नाबालिगों की शादी रूकवाने में सफलता पाई है। अब आगे ऐसी कोई घटना न हो इसके लिए विभाग ने बड़ी योजना तैयार कर रही है। लगातार मिल रही कम उम्र में शादी कराने की शिकायतों को लेकर विभाग भी चिंता में पड़ गए है। अधिकारी लगातार मंत्रणा कर रहे हैं कि आखिर कैसे बाल विवाह के प्रति लोगों को जागरूक किया जाए।
ग्राम पंचायत स्तर पर ली जाएगी कार्यशाला
बता दें कि हर साल महिला बाल विकास विभाग लोगों को बाल विवाह के प्रति जागरूक करने के लिए वृहद स्तर पर प्रचार-प्रसार करते हैं, पर इसके बावजूद भी लोगों में जागरूकता नहीं आ रही है। पालक नहीं समझ पा रहे हैं कि कम उम्र में बच्चों की शादी कराने से किस तरह की परेशानियां आती है। अब महिला बाल विकास विभाग जिले के हर ग्राम पंचायतों में बाल विवाह से होने वाले नुकसान से संबंधित व इसके लिए बनाए गए नियम-कानून की जानकारी देंगे।
जो शादी कर रहे थे वे सभी मिले शिक्षित
विभाग की माने तो इस मामले में अब सीधे युवा वर्ग को ज्यादा फोकस करेंगे, क्योंकि जिले में जितने भी बाल विवाह रोके गए हैं वह अनपढ़ नहीं थे, बल्कि शिक्षित मिले। जबकि इन सबको मालूम है कि लड़की की उम्र 18 और लड़के की उम्र 21 वर्ष जब तक नहीं हो जाती तब तक शादी नहीं कर सकते। ये जानकारी होने के बाद भी शादी करने में जल्दबाजी करते हैं।
जिला बनने के बाद रोकी 20 बाल शादियां, इस साल भी 6 मामले
विभागीय जानकारी के मुताबिक जिला बनने के बाद से अब तक कुल 20 बाल विवाह यानि नाबालिगों की शादियां टीम की सक्रियता से रोकी जा सकी है। इसके लिए किसी परिजन को समझाया गया, जो नहीं माने उसे नियम-कानून का हवाला देकर शादी रुकवाई गई। जबकि इस साल केवल तीन माह के अंदर ही 6 बाल विवाह रोकने में सफलता मिली है। अक्षय तृतीया पर ही चार बाल विवाह रोके गए। दोनों पक्षों ने सहमति भी जाहिर की, अब सभी शादी योग्य होने पर ही संपन्न होंंगे।
जारूकता के लिए संयुक्त टीम के साथ गांवों में लगा रहे चौपाल
जागरूकता के तहत महिला बाल विकास की टीम ने मंगलवार को जिले के ग्राम बी-जामगांव पहुंची थी, जहां ग्राम पंचायत में बैठक विकास की टीम व पुलिस ने मिलकर लोगों को बाल विवाह के प्रति जागरूक किया। ग्रामीणों से कहा कि बाल विवाह कभी मत करना। अगर बाल विवाह हो रहा है तो तत्काल जानकारी दें। अगर शादी के बाद बाल विवाह की जानकारी मिलती है तो परिजन पर कार्रवाई की जाएगी। जिला बालोद के महिला एवं बाल विकास अधिकारी एचआर राणा ने मामले में कहा बाल विवाह के लगातार आ रहे मामले चिंताजनक हैं। इसे पूरी तरह से रोकने लोगों को जागरूक किया जाएगा। हालांकि हर साल लगातार जागरूकता अभियान चला रहे हैं।

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