बता दे कि शासकीय नौकरी करते हुए भी कई जगह कई चिकित्सक क्लीनिक व अस्पताल खोल के बैठे हुए हैं। इन सब से अधिकारी ही अनजान हैं। कई बार तो बड़ी घटना भी सामने आई है, चिकित्सकों की लापरवाही की वजह से स्वास्थ्य भी बिगडऩे की भी शिकायत मिली थी।
कर्मचारियों की ली जा रही जानकारी, होगी कार्रवाई
स्वास्थ्य विभाग के सीएमएचओ अरुण रात्रे में बताया कि झलमला में शासकीय चिकित्सक द्वारा निजी अस्पताल चलाने की जानकारी मिली थी, जिस पर कार्रवाई चल रही है। चिकित्सक को नोटिस भेजकर जवाब मांगा गया है। अभी तक जवाब नहीं मिला है। दिए गए समय तक जानकारी नहीं देते तो अस्पताल सील कर दिया जाएगा। यहीं नहीं और भी शासकीय चिकित्सक है उनकी भी जानकारी लेंगे और लापरवाही करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए टीम तैयार की जा रही है, जो गोपनीय तरीके से जानकारी एकत्र करेगी।
चिकित्सकों में हड़कंप
उन्होंने कहा कि अगर कोई शासकीय चिकित्सक है तो वह किसी भी हाल में अस्पताल क्लिनिक का संचालन नहीं कर सकता है। यह गलत है। इस कार्रवाई के बाद कई और शासकीय चिकित्सकों में हड़कंप है, जो गुपचुप तरीके से क्लिनिक या फिर गांवों में दवाखाना व अस्पताल संचालन कर रहे हैं।
जिला अस्पताल के आसपास की सफाई करते वक्त कर्मचारियों पर दतैया के झुंड ने हमला कर दिया। इससे पांच सफाई कर्मचारी घायल हो गए। घटना दोपहर तीन बजे की है। सफाई के दौरान बेर के पेड़ की कटाई कर रहे थे। पेड़ पर दतैया का झुंड था, जिसने कर्मचारियों पर हमला कर दिया। घायलों में द्वारिका, भुनेश्वरी, लक्ष्मी, शिवनंदन, ओंकार शामिल है, जिनका प्राथमिक उपचार जिला अस्पताल में किया गया। सभी की हालत सामान्य है।