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बालोद

केमिकल रंगों से नहीं खेलेंगे होली : चुकंदर, पालक भाजी, गेंदा व पलास के फूल से बने रंगों से खेली जाएगी होली

होली पर्व को देखते हुए जिले में होली की तैयारी भी चल रही है। इस बार होली पर्व पर केमिकल युक्त गुलाल नहीं बल्कि हर्बल गुलाल से होली खेली जाएगी।

बालोदFeb 24, 2021 / 07:55 pm

Chandra Kishor Deshmukh

केमिकल रंगों से नहीं खेलेंगे होली : चुकंदर, पालक भाजी, गेंदा व पलास के फूल से बने रंगों से खेली जाएगी होली

केमिकल रंगों से नहीं खेलेंगे होली : चुकंदर, पालक भाजी, गेंदा व पलास के फूल से बने रंगों से खेली जाएगी होली

बालोद. होली पर्व को देखते हुए जिले में होली की तैयारी भी चल रही है। इस बार होली पर्व पर केमिकल युक्त गुलाल नहीं बल्कि हर्बल गुलाल से होली खेली जाएगी। जिले के 20 महिला समूह के लगभग 200 सदस्य इन दिनों चुकंदर, पालक भाजी, पलास के फूल व गेंदा फूल से सुगंधित गुलाल बना रही है। कृषि विभाग से प्रशिक्षण प्राप्त कर जिले के विभिन्न महिला समूह इन दिनों गुलाल बनाने में जुटे हुए हैं। वहीं विभाग महिला समूहों के माध्यम से बनाए गए गुलाल को बेचने मार्केट भी तैयार कर रहा है।

कंकालिन महिला समूह पेटेचुवा ने की शुरुआत
कृषि विभाग के मुताबिक वर्तमान में कंकालिन महिला समूह की 10 सदस्य वृहद मात्रा में गुलाल बनाने का कार्य कर रही हैं। अन्य महिला समूह कम मात्रा में गुलाल बना रहे हैं। समूह की अध्यक्ष छबि राठी ने बताया कि वर्तमान में केमिकल युक्त गुलाल मिलता है। यह गुलाल शरीर को नुकसान पहुंचाता है। लेकिन हर्बल गुलाल किसी भी तरह का साइड इफेक्ट नहीं करता। इस बार बड़ी मात्रा में हर्बल गुलाल बनाया जा रहा है।

ये सदस्य बना रहे गुलाल
पेटेचुवा की इन महिला समूह में बिमला बाई, भिखी बाई बिना नेहरू, अहिल्या बाई, रामकुंवर, अनिता, गूंजेश्वरी, देवली व कुंती बाई शामिल है। जिले में यह पहली बार है जब चुकंदर व पालक भाजी से गुलाल बनाया जा रहा है। गेंदा व पलास के फूल से भी हर्बल गुलाल बनाया जा रहा है।

आर्थिक स्थिति भी हो रही मजबूत
जिला कृषि अधिकारी नागेश्वर पांडे ने बताया कि यह एक अच्छी पहल है। कलेक्टर के निर्देश पर महिलाओं को गुलाल बनाने प्रशिक्षित किया गया। अब महिलाएं हर्बल गुलाल बना रही हैं। धीरे-धीरे जिले के सभी इच्छुक महिला समूहों को गुलाल बनाने प्रशिक्षण दिया जाएगा। गुलाल बनाकर महिलाओं की आर्थिक स्थिति भी मजबूत हो रही है।

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