नगर के ग्रामीण साक्षरता सेवा संस्थान में वर्तमान में असिस्टेंट इलेक्ट्रिशियन का प्रशिक्षण कराया जा रहा है। 20 फरवरी से शुरू प्रशिक्षण 16 जून तक चलेगा। इसके बाद यहां पर परीक्षा होगी। योजना के तहत यहां 20 बच्चों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है और कुर्सियों पर धूल जमी हुई है। मानों सालों से यहां कोई बैठा नहीं है।
लगातार प्रशिक्षण के नाम पर शासन को चूना लगाने का मामला सामने आ रहा है। परंतु अब तक किसी तरह की कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हुई है। कार्रवाईनहीं होने से ऐसे संस्थान संचालकों के हौसले बुलंद हैं। ऐसे संस्थानों का भुगतान रोका जाना चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह के कृत्य ना किए जा सके।
बैच संचालित कर पैसे कमाने के उद्देश्य से बच्चे तो ढूंढ़ते हैं परंतु तय समय पर उन्हें प्रशिक्षण नहीं देते जिसके चलते बच्चों के कॅरियर से खिलवाड़ हो रहा है। सरकार द्वारा प्रति बच्चे प्रति घंटे के हिसाब से भुगतान किया जाता है।
यह वहीं संस्थान है जो बालोद में रहते हुए कई सारे प्रशिक्षण कराए हैं उसकी भी जांच होनी चाहिए। वर्तमान में इस संस्थान के नाम पर किसी स्थानीय युवती द्वारा यह बैच संचालित किया जा रहा है।