बता दें कि एनएसयूआई के पूर्व अध्यक्ष को नेताओं का संरक्षण प्राप्त है। थाने में जब्त ट्रैक्टर में नंबर तक नहीं लिखा है, किंतु ट्राली में मोबाइल नंबर जरूर लिखा है। ऐसे अवैध कार्य में लिप्त व्यक्ति को संरक्षण देना पार्टी के हित में नहीं है। पार्टी द्वारा ऐसेपदाधिकारियों को जल्द ही बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है।
सूत्रों के मुताबिक मीडिया से जुड़ा एक व्यक्ति पत्रकारिता कम और दलाली ज्यादा कर रहा है। तथाकथित चोटइय्या नाम के पत्रकार की गांवों में दबंगई चल रही है। अवैध उगाही में माहिर चोटय्या रेत का अवैध खनन करने वाले लोगों की अधिकारियों से सेंटिंग कराता है। इसके एवज में वह मोटी रकम वसूलता है। वह अक्सर थाने में ही बैठा रहता है। इसकी जानकारी विभाग के उच्चाधिकारियों को नहीं है। खनिज विभाग के पूर्व अधिकारी का स्थानांतरण हो गया है। नए अधिकारी को अवैध खनन की जानकारी नहीं है।
ग्राम के सरपंच की निष्क्रियता से रेत माफिया ग्राम रंगकठेरा में बिना भय के खुलेआम तांदुला नदी से रेत उत्खनन कर रहे हैं। रेत को गांव के आसपास भाठा जमीन पर भंडारण भी कर रहे हैं। बाद में महंगे दाम पर बेच देते हैं।
सिकोसा से लगा हुआ ग्राम खेरुद में रेत का भंडारण किया गया।पिछले 2 माह पहले चैन माउंटेन से अवैध उत्खनन किया गया, जिसके बाद अवैध रेत को पास के ही गांव खेरूद के आम बगीचा में रखा गया। इसके अलावा कोटगांव रोड के किनारे भी अलग-अलग स्थानों पर रेत का भंडारण किया गया है। माफिया यहां से रेत का परिवहन कर रहे हैं। ग्राम सिकोसा से नवजागरण समिति के सदस्यों ने जानकारी दी कि मंडी बोर्ड तहत 6 8 लाख की लागत से हाटबाजार निर्माण किया जा रहा जिस में अवैध रेत को खपाया जा रहा है।