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बालोद

मांग नहीं आने से विभाग पानी छोडऩे की नहीं की तैयारी

दिनों दिन तापमान बढ़ते जा रहा है। शहर सहित गांवों के तालाबों में भी पानी कम होता जा रहा है। गांवों में कई तालाब तो सूखने की स्थिति में पहुंच चुका है। सूर्य की तेज किरणें तेजी से जल स्तर कम कर रही है।

बालोदMar 25, 2019 / 11:29 pm

Chandra Kishor Deshmukh

balod patrika

मांग नहीं आने से विभाग पानी छोडऩे की नहीं की तैयारी

बालोद @ patrika . दिनों दिन तापमान बढ़ते जा रहा है। शहर सहित गांवों के तालाबों में भी पानी कम होता जा रहा है। गांवों में कई तालाब तो सूखने की स्थिति में पहुंच चुका है। सूर्य की तेज किरणें तेजी से जल स्तर कम कर रही है। ऐसे में सिंचाई विभाग से निस्तारी के लिए पानी छोडऩे कोई निर्णय नहीं लिया है।

बालोद के 6 तालाबों में भरा जाना है पानी
सिंचाई विभाग का मामले में कहना है कि अभी किसी भी गांव से निस्तारी के लिए पानी छोडऩे की मांग के लिए आवेदन नहीं आया है। इधर नगर पालिका ने पहले ही सिंचाई विभाग को पत्र लिखकर पानी छोडऩे के लिए मांग कर चुकी है, पर अभी सिंचाई विभाग से कोई जवाब नहीं मिला है। बता दें कि बालोद नगर के भी 6 तालाबों में पानी भरा जाता है।

निस्तारी के लिए है जलाशय में पर्याप्त पानी
जानकारी के मुताबिक जिले के चारों जलाशयों में पर्याप्त पानी है। इससे निस्तारी के लिए पर्याप्त पानी मिलेगा। सिंचाई विभाग की मानें तो सभी जलाशयों में निस्तारी के लिए 30 फीसदी पानी आरक्षित रखना अनिवार्य है। जिले के जलाशयों में रखे पानी से मांग पूरी की जा सकती है। इसमें तांदुला जलाशय में 41 फीसदी पानी बचा है इस जलाशय से 900 तालाबों में पानी भरा जाता है।

गोंदली जलाशय में है 59 फीसदी पानी
खरखरा व मटियामोती में भी 37 फीसदी पानी बचा है। इस जलाशय से 30-30 तालाबों में पानी भरते हैं। यही नहीं गोंदली जलाशय में 59 फीसदी पानी बचा है। इस जलाशय से 100 तालाबों में पानी भरे जाते हैं। सिंचाई विभाग के ईई एसके टीकम ने मामले में जानकारी दी कि अभी मांग नहीं आई है। जलाशयों में पर्याप्त पानी है। तालाबों में निस्तारी के लिए पानी की कमी नहीं होगी।

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