मामले में जानकारी अनुसार विभाग की लचर व्यवस्था से सही तरीके से बिजली आपूर्ति नहीं की जा रही है। विभाग की इस अव्यवस्था से जहां आमजन परेशान हैं वहीं व्यवसायी भी नाराज हैं। गर्मी का मौसम होने से यह परेशानी और ज्यादा भयावह होने लगी है। बिना एसी, पंखा, कूलर के गर्मी में गुजारा नहीं हो पा रहा, ऐसे में बिजली नहीं होने से स्थिति और गंभीर हो जाती है। बिजली की इस आंखमिचौली से रोजमर्रा की जिंदगी पटरी से उतरने लगी है, लेकिन लगता नहीं बिजली विभाग इस समस्या से लोगों को निजात दिलाने को लेकर गंभीर है।
जिले में बिजली व्यवस्था लंबे समय से कामचलाऊ हिसाब से चल रहा है। चाहे झूलते तारों की बात हो या जर्जर ट्रांसफार्मरों की, इन विषयों पर कभी विभाग संजीदा नजर नहीं आता। सुधार के नाम पर कामचलाऊ मरम्मत की परंपरा के चलते अब लंबे समय तक लाइट का चले जाना बड़ी समस्या बनने लगी है। मुश्किल यह है कि कर्मचारी और अधिकारी बिजली की अव्यवस्था को लेकर गंभीर नहीं हैं। ऐसे में लोग यही कह रहे हैं कि कौन सुनेगा, किसको सुनाएं हमारी परेशानी वाली कहावत चरितार्थ होती है।
गर्मी की बेतहाशा पड़ रही मार की वजह से लोगों की निगाहें राहत के लिए सिर्फ बिजली की ओर निगाह रखते हैं। ऐसे में बिजली की ओर जारी आंखमिचौली के खेल से उनमें फैल रही नाराजगी से वे विभाग के साथ सरकार को कोसने लगे हैं। ग्रामीण रमेश्वर दास साहू व समेश गजपाल ने कहा दिनभर काम के बाद रात में भी बिजली गुल रहने से लोग पूरी तरह से टूट जा रहे हैं। रात को जागते हुए समय काटना पड़ रहा है। परेशान लोग विभाग हो या सरकार के नुमाइंदों को शिकायत करते थक चुके हैं पर उन्हें सुनने वाला कोई नहीं है। उन्हें रोस्टर के अनुरूप समय से बिजली की आपूर्ति ही नहीं हो रही है। इसकी वजह से उन्हें मानसिक, शारीरिक से लेकर आर्थिक परेशानी उठानी पड़ रही है।
ज्ञात हो कि पखवारे भर से अधिक समय से हो रही विद्युत कटौती ने जिलेवासियों का जीना मुश्किल कर रखा है। वे दिन में काम और गर्मी की वजह से परेशान हो जा रहे हैं, तो रात में बिजली न रहने पर नींद छिन जा रही है। पखवारे भर से उन्हें चैन की नींद नसीब नहीं हो रही है। रोस्टर भूले विभाग ने कुछ घंटों के लिए कई हिस्सों में आपूर्ति बंद कर देता है। वहीं बिजली के साथ लो वोल्टेज की भी समस्या जुड़ी है। इससे उसका किसी प्रकार से उपयोग नहीं हो रहा है।
बालोद नगर के लोग इस मामले में ज्यादा नाराज दिख रहे हैं। बिजली कब आती है, कब जाती है कोई ठिकाना नहीं रहता। गर्मी शुरू होते ही मुश्किल से आठ घंटे बिजली रहती है। ऊपर से लो वोल्टेज की समस्या ऐसी है कि चिमनी जल रही हो ऐसा लगता है। इससे पंखा चल पा रहा न कूलर। पानी का मोटरपंप काम नहीं करता। नगर के हेमंत सिंह, अनिल राज, मनोज ध्रव ने कहा छात्रों की परीक्षा चल रही है, इस परेशानी से पढ़ाई में बाधा आ रही है। नसीम, अरविंद ने कहा बिजली से संबंधित कारोबार प्रभावित हो रहा है। व्यवसायियों को दिकक्ततों का सामना करना पड़ रहा है। विद्यार्थी हो या ऑनलाइन बिजनेस करने वाले फार्म भर नहीं पा रहे हैं। अनिता देवांगन, मनीषा तिवारी, सतीश ने कहा सरप्लस बिजली के बाद भी ऐसी स्थिति होना दुख की बात है।
भीषण गर्मी शुरू होते ही घरों व कार्यालयों में कूलर-पंखे व एसी चलने शुरू हो जाते हैं। इसके साथ ही शहर में विद्युत लाइनों ने जबाब देना शुरू कर दिया है। वार्डों में जगह-जगह ट्रांसफार्मर के फ्यूज उडऩे व इंसुलेटर बस्ट होने की घटनाएं हो रही है। विद्युत लाइनों पर अब अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है। हालांकि विभाग कह रहा है कि लाइनें दुरूस्त हैं, जहां पर भी फाल्ट की सूचना मिलती है कर्मचारी मौके पर जाकर कार्य करते हैं। ट्रांसफार्मर के फ्यूज व इंसुलेटर खराब होने से सबसे ज्यादा परेशानियां घनी आबादी में हो रही है।
लगातार विद्युत कटौती से जिलेवासी परेशान हो गए हैं। हर रोज अलग-अलग क्षेत्रों में सुबह हो या रात को किसी भी समय 2 से 3 घंटे बिजली गुल रखी जा रही है। एक तो जिले मे तापमान 45 डिग्री हो गया है। ऐसे में तेज गर्मी से बचने के लिए लोग कूलर, पंखा, ऐसी का सहारा लेते हैं, पर किसी भी समय बिजली बंद हो जाने से लोगों को तेज गर्मी से जूझना पड़ रहा है। उसके बाद भी सरकार के विपक्षियों ने मौन साधना रखे हुए है। कई दिनों से बिजली की आंखमिचौली से ग्रामीण परेशान हैं, पर यहां सरकार के विपक्ष में बैठे जनप्रतिनिधियों को जनता के परेशानी से कोई मतलब नहीं दिख रहा है। ऐसे जनप्रतिनिधि सिर्फ सोशल मीडिया में ही विरोध कर रहे हैं।
ज्ञात रहे कि पूर्व विधायक ने भाजपा सरकार के समय बिजली कटौती को लेकर जमकर प्रदर्शन किया था। उस दौरान उन पर कार्रवाई हुई थी। बात दें कि जब प्रदेश में भाजपा की सरकार थी तब अघोषित बिजली कटौती को लेकर पूर्व विधायक भैया राम सिन्हा के नेतृत्व में जमकर प्रदर्शन किया गया था। जहां किसानों की जरूरी मांग को पूरा करने की बात कही थी
विद्युत विभाग के ईई वीके डहरिया ने कहा शिकायत पर कार्रवाई की जा रही है। गर्मी में विद्युत की खपत बढ़ जाती है इसलिए ट्रांसफार्मर और केबल पर लोड अधिक बढ़ जाता है। विद्युत फाल्ट की शिकायत पर तत्काल कर्मचारी भेजते हैं।