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प्रशिक्षण केंद्र बंद होने पर भी नहीं हारी हिम्मत, शासकीय स्कूल में दाखिला लेकर नेत्रहीन फकीर ने बारहवीं 74 प्रतिशत अंक से पास होकर पेश की मिसाल

जिस दिव्यांग स्कूल को बजट के अभाव में राज्य सरकार ने पिछले साल बंद कर दिया था। इससे वहां भविष्य गढऩे वाले अनेक दिव्यांगों को बेहतर शिक्षा से वंचित होना पड़ा। पर इसी स्कूल में पढ़ाई किए दोनों आंख से दिव्यांग छात्र फकीर राम ने 74 फीसदी अंक लेकर कक्षा बारहवीं की परीक्षा उत्तीर्ण कर युवाओं को एक सीख दी है।

बालोदMay 16, 2019 / 12:21 am

Chandra Kishor Deshmukh

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प्रशिक्षण केंद्र बंद होने पर भी नहीं हारी हिम्मत, शासकीय स्कूल में दाखिला लेकर नेत्रहीन फकीर ने बारहवीं 74त्न अंक से पास होकर पेश की मिसाल

बालोद @ patrika . जिस दिव्यांग स्कूल को बजट के अभाव में राज्य सरकार ने पिछले साल बंद कर दिया था। इससे वहां भविष्य गढऩे वाले अनेक दिव्यांगों को बेहतर शिक्षा से वंचित होना पड़ा। पर इसी स्कूल में पढ़ाई किए दोनों आंख से दिव्यांग छात्र फकीर राम ने 74 फीसदी अंक लेकर कक्षा बारहवीं की परीक्षा उत्तीर्ण कर युवाओं को एक सीख दी है।

कलक्टर ने किया सम्मान
गुंडरदेही ब्लॉक के ग्राम कचांदुर में पिछले सत्र बंद हो चुके दिव्यांग प्रशिक्षण केंद्र के बाद फकीर ने हिम्मत नहीं हारी और वहीं के शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला में दाखिला लेकर आगे की पढ़ाई जारी रखी और यह उपलब्धि हासिल की है। इस होनहार विद्यार्थी की मेहनत से गदगद कलक्टर रानू साहू ने उनका सम्मान किया। वहीं उनकी इच्छा अनुसार उच्च शिक्षा के लिए जिला प्रशासन फकीर को देहरादून भेजेगा।

देहरादून में नेत्रहीन इंस्टीट्यूट में पढ़ाई करेंगे फकीर
जानकारी अनुसार जिला प्रशासन व जिला शिक्षा विभाग ने एक बड़ी पहल की है। इस नेत्रहीन दिव्यांग छात्र फकीर को देहरादून में संचालित भारत सरकार के नेत्रहीन इंस्टीट्यूट में पढ़ाई कराएंगे। छात्र के इच्छा अनुसार उनके उक्त स्कूल में प्रवेश कराने की तैयारी की जा रही है। यह बात उन लोगों के लिए प्रेरणास्रोत है जो शरीर से पूरी तरह दुरूस्त होने के बाद भी कोई उपलब्धि हासिल नहीं कर पाते।

दिव्यांग ने इच्छा जाहिर की, तब जिला प्रशासन ने की पहल
बता दें कि नेत्रहीन दिव्यांग फकीर से जब आगे की पढ़ाई के बारे में जिला प्रशासन ने इच्छा जानी, तो उन्होंने अपने मन की बात कही। बताया कि वह आगे की पढ़ाई कंप्यूटर से संबंधित करना चाहता है। उसके बाद इनकी इच्छा अनुसार जिला प्रशासन व शिक्षा विभाग तैयारी कर रहे हैं। अधिकारियों को मानना है दिव्यांग छात्र होनहार है। हम शासन के नियमानुसार उसकी पूरी मदद करेंगे।

दिव्यांग फकीर राम सामान्य स्कूल में इस तरह करते थे पढ़ाई
कचान्दुर के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की प्राचार्य प्रीतिबाला मुले ने बताया कि दिव्यांग छात्र फकीर राम निषाद स्कूल में सामान्य बच्चों के साथ बैठ कर ही बारहवीं की पढ़ाई की। ऐसे दिव्यांगों को मुख्य धारा से जोडऩे का प्रयास हमारा लगातार जारी रहेगा। प्राचार्य ने आगे जानकारी दी कि दिव्यांग फकीर की कैचिंग पावर अच्छी है। उनकी बहन हितेश्वरी ठाकुर और मंदाकिनी ठाकुर पढ़ाई से संबंधित सवाल और उनके जवाब को रिकॉर्ड कर फकीर को सुनाते थे। फकीर उस रिकॉर्डिंग को बार-बार सुनकर दिमाग में बैठाता था। बता दें कि फकीर पिता अनूप राम निषाद की पहली पत्नी का बेटा है। पहली पत्नी की मृत्यु के बाद पिता ने दूसरी शादी की थी। छात्र फकीर राम ने बताया उनकी दूसरी मां सहित सभी भाई-बहन उसे बहुत प्यार करते हैं। पढ़ाई में मेरी मदद करते हैं। कक्षा में सहपाठियों ने भी मेरी पूरी सहायता की।

दिव्यांग छात्र फकीरराम काफी होनहार है
बालोद जिला शिक्षा अधिकारी आरएल ठाकुर ने कहा दिव्यांग छात्र फकीर राम काफी होनहार है। वह आगे की पढ़ाई कंप्यूटर से करना चाहता है। इसलिए जिला प्रशासन की पहल पर इनकी पढ़ाई अब देहरादून के नेत्रहीन इंस्टीट्यूट में कराने की तैयारी चल रही है।

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