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बालोद

प्रधानमंत्री आवास के लिए गांवों में न आबादी जमीन और न ही घास जमीन

केंद्र सरकार की महती प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ जिले के भूमिहीन गरीबों को नहीं मिल पा रहा है। गरीब हितग्राहियों के गांव में खुद की जमीन नहीं होने के कारण बीते तीन साल से प्रधानमंत्री आवास नहीं बन पाया।

बालोदSep 13, 2019 / 11:42 pm

Chandra Kishor Deshmukh

प्रधानमंत्री आवास के लिए गांवों में न आबादी जमीन और न ही घास जमीन

प्रधानमंत्री आवास के लिए गांवों में न आबादी जमीन और न ही घास जमीन

बालोद @ patrika. केंद्र सरकार की महती प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ जिले के भूमिहीन गरीबों को नहीं मिल पा रहा है। गरीब हितग्राहियों के गांव में खुद की जमीन नहीं होने के कारण बीते तीन साल से प्रधानमंत्री आवास नहीं बन पाया।
योजना से वंचित हैं गरीब
ऐसे गरीब जो पात्र हितग्राही होते हुए भी इस योजना के लाभ से वंचित है। इसका प्रमुख कारण गांवों में आबादी और घास जमीन नहीं होना बताया जा रहा है। यही कारण है कि पात्र होते हुए भी ऐसे भूमिहीन हितग्राहियों का अपना मकान का सपना पूरा नहीं हो रहा है।
तीन साल में 254 हितग्राहियों का हुआ चयन
बात दें कि जिले में पिछले तीन साल में कुल 254 हितग्राहियों का चयन प्रधानमंत्री आवास के लिए हुआ था। पिछले साल जिला प्रशासन और जिला पंचायत सीईओ ने राजस्व अमले के साथ गांव जाकर पंचायत स्तर पर चर्चा कर 213 हितग्राहियों को पंचायत से जमीन दिलाई गई। जिसमें से 146 हितग्राहियों का प्रधानमंत्री आवास बन गया है और 41 हितग्राही बचे हुए हैं।
सात हजार पीएम आवास बनाने पहली किश्त भी जारी
शासन द्वारा वर्ष 2019-20 के लिए जिले में सात हजार गरीब परिवारों को आवास देने की स्वीकृति मिली है। हितग्राहियों के खाते में बारी-बारी से राशि भी जमा होने लगी है।
बारिश में हो रही परेशानी
जानकारी के मुताबिक जिले में अभी भी 41 हितग्राही बचे हंै जिन्हें बारिश में परेशानी हो रही है। ऐसे लोग बारिश से बचने छप्परनुमा झोपडिय़ों में रहने को मजबूर है। कई ग्राम पंचायत में आबादी देने लायक जगह भी नहीं बची है। कुछ ग्राम पंचायत ऐसे है जो गरीब हितग्राहियों को जगह देने की मंशा तो रखते हैं किंतु गांव के कुछ लोग आपत्ति लगा देते है। ऐसे लोगों का कहना होता है कि उसे जमीन दे रहे हो तो हमें भी दो।
गांव से बाहर जाना नहीं चाहते
कई हितग्राही ऐसे है जो गांव में अतिक्रमण कर सालों से कच्चे मकान में रह रहे और ज्यादा जगह घेर लिए हैं। पंचायत द्वारा जहां पर उसे जगह दी जा रही वहां वे जाना नहीं चाहते। वहीं अतिक्रमण करने वाले ग्रामीण अतिरिक्त जमीन को छोडऩा नहीं चाहते और ना ही पंचायत जमीन खाली करा पा रहा है।
स्वीकृत पीएम आवास
1050 बालोद ब्लॉक में, 1390 गुरुर ब्लॉक में, 1510 गुंडरदेही ब्लॉक में, 1250 डौंडी ब्लॉक में, 1800 डौंडीलोहारा ब्लॉक में।

राजस्व विभाग से करेंगे चर्चा
जिला पंचायत सीईओ लोकेश चंद्राकर ने बताया कि इस मामले की जानकारी मिली है। जिन हितग्राहियों के पास जमीन नहीं है उन्हें जगह दिलाने प्रयास किया जाएगा। राजस्व विभाग की टीम से मिलकर इस पर चर्चा की जाएगी।

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