पर्यटन व सिंचाई विभाग में नहीं आपसी सहमति
पर्यटन व सिंचाई विभाग में आपसी सहमति नहीं होने से अंग्रेज जमाने का यह भवन अपना अस्तित्व खोने लगा है। कहा जाए कि पुरानी धरोहरों को सहेजने में शासन-प्रशासन उदासीनता दिखा रहे हैं।
13 रेस्ट हाउस का संचालन कर रहा सिंचाई विभाग
पर्यटन विभाग के मुताबिक सिंचाई विभाग से 15 साल का एग्रीमेंट था, जो बीते साल समाप्त हो गया है। मुख्य सिंचाई विभाग ने रेस्ट हाउस का संचालन करने पत्र लिखा था। इसके प्रदेशभर के लगभग 15 रेस्ट हाउस के संचालन करने की जिम्मेदारी ली थी। हमने हैंडओवर भी कर दिया है। 13 रेस्ट हाउस का संचालन सिंचाई विभाग कर रहा है।
तांदुला निर्माण के समय अंग्रेज इंजीनियर करते थे यहीं से निरीक्षण
विभागीय जानकारी के मुताबिक 1906 में तांदुला जलाशय का निर्माण शुरू हुआ। इसके निरीक्षण के लिए इस रेस्ट हाउस के गार्डन में एक टावर बनाया गया। जहां से अंग्रेज इंजीनियर एडम स्मिथ जलाशय निर्माण कार्य का निरीक्षण करते थे।
अंग्रेजों की टीम भी रुकती थी
रेस्ट हाउस में रहकर अंग्रेजों की टीम भी रुकती थी। तांदुला जलाशय बनने के बाद अंग्रेजों का राज समाप्त हुआ तो तात्कालीन मध्यप्रदेश शासनकाल से आज तक इसे शासन व पर्यटन विभाग ने रेस्ट हाउस के रूप में उपयोग किया।
पर्यटन विभाग ने अपने कर्मचारियों को वापस बुलाया
पर्यटन विभाग ने यहां अपने दो कर्मचारियों को सामान व रेस्ट हाउस की देखरेख के लिए रखा था, उन्हें वापस बुला लिया गया है। वहीं कह दिया है कि हमने सिंचाई विभाग को हैंडओवर कर दिया है। एक मई से आदमाबाद रेस्ट हाउस की जवाबदारी सिंचाई विभाग की है।
उजड़ गया गार्डन, फूल की जगह उग आए घास फूंस
एक जमाने में यह रेस्ट हाउस को काफी पसंद किया जाता था। तांदुला की तराई में घने जंगल प्राकृतिक वातावरण के बीच बने यह रेस्ट हाउस काफी सुंदर व आर्कषक था, लेकिन अब यहां के गार्डन उजड़ गए हंै। खरपतवार उग आए हैं।
मेंटनेंस राशि मिलने के बाद भी भवन को सुरक्षित नहीं रख पाए
पर्यटन विभाग की लापरवाही इस रेस्ट हाउस की देखरेख को लेकर सामने आई है। इसके के लिए मेंटनेस राशि मिलने के बाद भी इस भवन को सुरक्षित नहीं रख पाए। अब जिम्मेदार विभाग आने वाले दिनों में सिर्फ मरम्मत के नाम पर लाखों खर्च करेंगे।
रेस्ट हाउस का संचालन एक साल से बंद
राज्य पर्यटन अधिकारी रायपुर टीएन सिंह ने कहा कि पर्यटन विभाग ने बालोद के आदमाबाद स्थित रेस्ट हाउस का संचालन एक साल से बंद कर दिया है। एग्रीमेंट 15 साल का था, जो पूरा हो चुका है। सिंचाई विभाग के मुख्य सचिव ने पत्र लिखकर इस रेस्ट हाउस को अपने विभाग में शामिल कर इसका संचालन करने की बात कही है। हमने भी सहमति दे दी है और हैंडओवर कर दिया है। एक मई से सिंचाई विभाग की जिम्मेदारी में है।
आदेश या पत्र नहीं आया
सिंचाई विभाग के एसडीओ केके वर्मा ने बताया कि हमें अभी तक हमारे विभाग से आदमाबाद रेस्ट हाउस को संचालित करने किसी भी प्रकार का आदेश या पत्र नहीं आया है। पत्र व आदेश मिलने पर हम इसका संचालन करने को तैयार हैं।