घटना के बाद संबंधित शिक्षक को जिला शिक्षा अधिकारी ने शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कोटेरा में पदस्थ कर दिया है। ऐसी स्थिति में कोटेरा की छात्राएं असुरक्षित रहेंगी। इसलिए उच्च स्तरीय जांच कराई जाए। उन्होंने कहा कि डौंडीलोहारा विधानसभा महिला बाल विकास मंत्री अनिला भेडिय़ा का निर्वाचन क्षेत्र है। उनके क्षेत्र में नाबालिग पर अत्याचार दुर्भाग्यपूर्ण है। शासकीय अधिकारियों का मामले को दबाना गलत है। पुलिस को संज्ञान लेते हुए मामले से जुड़े सभी लोगों पर कार्रवाई करनी चाहिए।
छात्राओं ने शिक्षक के खिलाफ 15 दिन पूर्व मामले को सामने रखा था। प्राचार्य ने शाला की दो शिक्षिकाओं से छात्राओं से मिलकर जांच करने कहा। शिक्षक को दोषी पाया गया। जांच रिपोर्ट जिला कार्यालय भेज दी गई। लेकिन जिला शिक्षाधिकारी ने गुपचुप तरीके से शिक्षक को अछोली से कोटेरा भेजकर चुप्पी साध ली। वहीं शाला समिति ने भी शाला
की बदनामी की डर से मौन साध लिया।
पुलिस के उच्च अधिकारियों ने अब तक पुलिस थाने में शिकायत दर्ज नहीं होने की बात कही है। पुलिस के एक उच्च अधिकारी ने बताया कि जिला शिक्षा अधिकारी ने शिक्षक को अब ऑफिस में अटैच करने की बात कही है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि बड़ी संख्या में बच्चियों के साथ घटना की जानकारी सामने आई तो शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों ने तत्काल पुलिस को जानकारी क्यों नहीं दी।
सूत्रों की माने तो कुछ जागरूक लोगों ने संजारी थाने को भी जानकारी दी थी, लेकिन पालकों की चुप्पी व स्कूल स्तर पर ही मामले को निपटाने की प्रवृत्ति के चलते आगे कार्रवाई नहीं हो पाई। जांच में मामला सही पाने के बाद शिक्षक ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए माफी भी मांगी थी, जिससे स्पष्ट है कि शिक्षक ने हरकतें की। बावजूद कार्रवाई नहीं की गई। कोटेरा शाला में शिक्षक को पदस्थ करने से नाराज शाला समिति के सदस्य व ग्रामीण भी उसे कोटेरा से हटाने की मांग को लेकर जिला शिक्षाधिकारी से मिलने पहुंचे थे। तब शिक्षक को जिला शिक्षा कार्यालय में पदस्थ करने की जानकारी मिली।
पीसी मरकले, जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि अछोली स्कूल के प्राचार्य ने जांच रिपोर्ट भेजी थी। शिक्षक को अछोली से हटाकर जिला कार्यालय में पदस्थ कर दिया गया है। कविता तिवारी, सरपंच, अछोली ने बताया कि मामला बेहद गंभीर है। शिक्षक पर कार्रवाई होनी चाहिए। प्राचार्य ने हमें सही जानकारी नहीं दी है। छात्राओं की शिकायत को हल्के में लिया गया, जो सही नहीं है। देवलाल ठाकुर, पूर्व अध्यक्ष जिला पंचायत ने बताया कि एसपी को पत्र सौंपकर नियमानुसार त्वरित कार्रवाई की मांग की गई है। कार्रवाई नहीं होने पर उच्च अधिकारियों को अवगत कराया जाएगा।