पुलिस विभाग के 10 लोग भी चिंहित ब्लैक स्पॉट पर हादसे में जान गवां बैठे
लोगों की मानें तो इन जगहों पर वाहनें मौत बनकर दौड़ती है। सबसे बड़ी हैरानी की बात यह है कि लोगों को सावधानीपूर्वक वाहन चलाने की सीख और समझाइश देने वाले पुलिस विभाग के 10 लोग भी चिंहित ब्लैक स्पॉट (Black spot) पर हादसे में जान गवां बैठे है। पुलिस विभाग (Police Department) ने जिले के 16 ऐसे स्थान को चिंहित किया है जहां सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं (road accidents) होती है। यह हम नहीं बल्कि पुलिस विभाग का आंकड़ा बता रहा है। पुलिस विभाग के अनुसार बीते 6 माह में 98 सड़क दुर्घटनाओं में 104 लोगों की मौत हो चुकी है।
ट्रैफिक नियमों की अनदेखी पड़ रही भारी
सड़क दुर्घटनाओं को रोकने जिला पुलिस एवं यातायात विभाग (Traffic department) द्वारा ट्रैफिक नियमों की जानकारी देने सड़क सुरक्षा सप्ताह (Road safety week) मनाया जाता है। इस दौरान लोगों को नशे की हालात व तेज रफ्तार में वाहन नहीं चलाने सहित और भी नियमों की जानकारी दी जाती है। इन बातों की अनदेखी की वजह से लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ती है।
अंधे मोड़ पर सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं
आंकड़े के मुताबिक अधिकतर सड़क दुर्घटनाएं शराब (alcohol) के नशे में वाहन चलाने से हुई हैं। लगातार सड़क दुर्घटनाओं के बाद भी वाहन चालक नहीं चेत रहे हैं। सड़कों पर जगह-जगह अंधे मोड़ भी दुर्घटना का एक प्रमुख कारण है।
पिछले जून में 22 लोगों की मौत
बीते जून में एख माह के भीतर सड़क हादसे में 22 लोगों की मौत हुई थी। नवरात्र में ग्राम देवारभाट के पास हुई कार दुर्घटना में दो लोगों की मौत हो गई थी। इसी तरह ग्राम टेकापार के पास मोटरसाइकिल (Motorcycle) और कार (car) में टक्कर से दो लोगों की मौत हो गई थी। गुंडरदेही के पास तेज र?तार हाइवा ने मंगलवार को दो मासूमों को अपनी चपेट में ले लिया, वाहन चालक नशे में पाया गया था।
बिना हेलमेट और नशे में वाहन चलाना एक प्रमुख कारण
यातायात विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक अधिकतर सड़क दुर्घटनाएं नशे की स्थिति में वाहन चलाने से होती है। वहीं बिना हेलमेट (Helmet) वाहन चलाने से सिर पर चोट लगने के कारण भी लोग जान गंवा बैठते हैं।
2019 में जिले में सड़क दुर्घटनाओं में हुई मौत के आंकड़े
माह-दुर्घटना- मौत
जनवरी – 20 – 20
फरवरी – 13 – 14
मार्च – 15 – 15
अप्रैल – 12 – 12
मई – 19 – 21
जून – 19 – 22
15 ऐसी जगह जहां हर साल 10 से ज्यादा लोगों की जाती हैं जान
पुलिस प्रशासन ने जिले में 16 ऐसी जगहों का चिंहित कर ब्लैक स्पॉट दुर्घटनाग्रस्त क्षेत्र माना है। यहां एक ब्लैक स्पॉट की एक ही जगह पर दुर्घटना में ही हर साल लगभग 10 लोगों की मौत हुई हैं। जानकारी के मुताबिक ग्राम चिटौद, बालोदगहन, जगतरा, मुंजालगोंदी, पुरुर, राजाराव पठार, मरकाटोला, झलमला, सिवनी मोड़, गंजपारा, अरमुरकसा, कुसुमकसा, करियाटोला, भैसबोड़ मोड़, खुटेरी, पथराटोला और ग्राम जमही शामिल हैं जिन्हें ब्लैक स्पॉट घोषित किया गया है। इस क्षेत्र में संभलकर वाहन चलाना चाहिए।
इस ब्लैक स्पॉट पर पुलिस जवानों ने गंवाई जान
भैसबोड़ : 5 दिसंबर 2018 को भैसबोड़ के पास बालोद पुलिस के आरक्षक अरुण नायक 38 साल की बाइक को अज्ञात वाहन ने ठोकर मार दी थी, जिससे उसकी मौत हो गई।
करहीभदर : ब्लैक स्पॉट करहीभदर के पास 26 दिसंबर 2018 को रात 8 बजे दो बाइक में सीधी टक्कर में तीन लोगों की मौत हुई थी। वही सड़क पर पड़े शव कुचलने से बचने के चक्कर में एक पिकअप वाहन पलट गया। पिकअप में सवार 14 लोग भी घायल हो गए थे।
मरकाटोला : 10 जून 2019 को केशकाल से मुजरिम पेशी से लौट रहे पुलिस वाहन को जिले के ब्लैक स्पॉट बालोदगहन मरकटोला के पास ट्रक ने पीछे से ठोकर मार दी थी। इस दुर्घटना में आरक्षक भूषण शर्मा और हवलदार नवनीत की जान चली गई थी।
बालोदगहन : 26 जुलाई 2019 को जिले के ब्लैक स्पॉट बालोदगहन के पास ही राजनांदगांव के आरक्षक संतोष साहू की मौत र्हु थी। वे साप्ताहिक छुट्टी में अपने गांव दरगहन (चरामा) जा रहे थे।
लोक निर्माण विभाग (Public Works Department) और यातायात पुलिस विभाग द्वारा लोगों से ब्लैक स्पॉट पर सावधानीपूर्वक धीमी गति में वाहन चलाने के लिए जागरूक करने संकेतक बोर्ड (Indicator board) लगाया जाता है। पर यातायात विभाग द्वारा बनाया गया बोर्ड एक साल से पेंटर की दुकान में ही रखा गया है। इतनी सड़क दुर्घटनाएं हो रही है और विभाग के पास बोर्ड लगाने की फुर्सत ही नहीं है।
जिलेके ब्लैक स्पॉट पर संकेतक बोर्ड लगाए जा रहे हैं। कुछ छूटे हैं जहां जल्द ही बोर्ड लगा दिया जाएगा। वाहन चलकों को भी हेलमेट लगाने और नशे में वाहन नहीं चलाने की समझाशि दी जाती है। समय ,समय पर जागरूकता अभियान भी चलाया जाता है।