बालोद

सरकार की योजना का नहीं मिल रहा लाभ, फसल बचाने आवारा मवेशियों को जंगल में छोड़ रहे ग्रामीण

छत्तीसगढ़ सरकार की महती गौठान योजना का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल रहा है। जिस गांव में योजना के तहत गौठान नहीं बनाए गए हैं वहां के ग्रामीण आवारा मवेशियों से परेशान है। आवारा मवेशी रात में फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। इससे निजात पाने ग्रामीण गांव के आवारा मवेशियों को गांव के दूर जंगलों में छोड़ रहे हैं।

बालोदAug 14, 2019 / 12:08 am

Chandra Kishor Deshmukh

सरकार की योजना का नहीं मिल रहा लाभ, फसल बचाने आवारा मवेशियों को जंगल में छोड़ रहे ग्रामीण

बालोद @ patrika . छत्तीसगढ़ सरकार की महती गौठान योजना का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल रहा है। जिस गांव में योजना के तहत गौठान नहीं बनाए गए हैं वहां के ग्रामीण आवारा मवेशियों से परेशान है। आवारा मवेशी रात में फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। इससे निजात पाने ग्रामीण गांव के आवारा मवेशियों को गांव के दूर जंगलों में छोड़ रहे हैं। इससे गांव वालों को तो चराई की समस्या से मुक्ति मिल रही है वहीं जिस गांव में मवेशी छोड़ रहे हैं वहां के ग्रामीण परेशान हैं। कुल मिलाकर सरकार की योजना का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल रहा है।

दुधली के ग्रामीणों ने बैठक में लिया निर्णय
ताजा मामला जिले के ग्राम दुधली का है जहां के ग्रामीण आवारा मवेशी से इतने परेशान हो गए थे कि ग्रामीणों की बैठक बुलाकर सर्वसम्मति से मवेशियों को गांव से 10-15 किलोमीटर दूर के जंगल में छोडऩे का निर्णय लेना पड़ा। इस समस्या की जानकारी मंत्री अनिला भेडिय़ा को भी दी गई, मंत्री से सिर्फ आश्वासन ही मिला है ग्रामीणों को अबतक राहत नहीं मिल पाई है।

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हर घर से एक सदस्य जाते हैं छोडऩे
बताया जाता है कि गांव में आवारा मवेशियों से परेशान किसानों ने गांव में बैठक कर निर्णय लिया कि मवेशी फसल को खराब कर रहे है उसे जंगल में छोड़ा जाय। इस निर्णय के बाद सैकड़ों ग्रामीण हाथों में लाठी डंडे लेकर आवारा मवेशियों को पैदल ही दूधली से बालोद तालगांव के जंगल में छोड़ रहे है। बीते दिनों इस क्षेत्र से लगभग 50 मवेशियों को जंगल में छोड़ा गया था। अब दूधली पंचायत के ग्रामीणों ने लगभग 50 मवेशियों को जंगल में छोड़ चुके हैं।

धान की फसल को रात में नुकसान पहुंचाते
गांव के सरपंच फिरोज तिंगाला ने बताया कि बीते कुछ माह से गांव के लोग खासकर किसान आवारा मवेशियों से परेशान है। बताया जाता है कि आसपास के कुछ गांवों के लोग अपने मवेशियों को गांव में छोड़ देते है। फिर यही मवेशी गांव के धान की फसल को रातभर में चर कर साफ कर देते हैं। गांव के सारे किसान परेशान है। इस परेशानी से निजात पाने गांव के किसान मवेशियों को जंगल में छोड़ रहे हैं।

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सरपंच बोले मंत्री को दी थी जानकारी
सरपंच फिरोज तिगाला ने बताया कि गांव में आवारा मवेशियों द्वारा फसल नुकसान पहुंचाने की जानकारी मंत्री अनिला भेडिय़ा को दी गई थी। उन्होंने तत्काल पहल का आश्वासन दिया था। अभी तक इस पर कोई पहल नहीं की गई है। किसान परेशान हंै।

कहां से आ रहे इतनी संख्या में किसी को पता नहीं
ग्रामीणों ने बताया कि गांव में कहां से इतनी तादात में मवेशी आ रहे हैं समझ से परे हैं। ग्रामीण अपनी मवेशियों को पहचानते हैं। कौन इसे रात को खेतों में छोड़ देता है ग्रामीणों को समझ में नहीं आ रहा है। ग्रामीणों की मानें तो किसान एक तो अल्पवर्षा से परेशान है ऊपर से बची फसल को आवारा मवेशी नुकसान पहुंचा रहे हैं।

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