छात्र गोवर्धन की मौत का मामला : ग्रामीणों ने नए सिरे से निष्पक्ष जांच और आरोपी की गिरफ्तारी की मांग की
गुंडरदेही थाना अंतर्गत ग्राम सरेखा में तीन फरवरी को घटना में 13 वर्षीय छात्र गोवर्धन सोनकर की मौत के बाद पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं।

बालोद. गुंडरदेही थाना अंतर्गत ग्राम सरेखा में तीन फरवरी को घटना में 13 वर्षीय छात्र गोवर्धन सोनकर की मौत के बाद पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं। दूसरी बार ग्रामीण व परिजन नए सिरे से निष्पक्ष जांच की मांग व आरोपी की गिरफ्तारी की मांग को लेकर गुरुवार को कलेक्टोरेट पहुंचे। कलेक्टर के नाम डिप्टी कलेक्टर अभिषेक दीवान को ज्ञापन सौंपा।
पुलिस पर मुख्य आरोपी को संरक्षण देने का आरोप
पुलिस पर मुख्य आरोपी को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए ग्रामीण, मृतक के पिता और उनकी मां कलेक्टोरेट पर ही रो पड़ीं। कहा कि हमने अपना बेटा खोया है। लेकिन आरोपी गांव में ही खुलेआम घूम रहा है। मेरे बेटे को न्याय चाहिए उसकी मौत हादसे में नहीं बल्कि हत्या की गई है। हादसा होता तो हमें घटना के बारे में बताते, लेकिन यहां तो कोई जानकारी तक नहीं दी।
मामले की बारीकी से की जाए जांच
ग्रामीण रोहित कुमार, महावीर ने कहा कि घटना के दिन लकड़ी ठेकेदार पोषण नाबालिग गोवर्धन को अपने साथ ले गया। पुलिस का कहना है कि आरोपी चालक ने ट्रैक्टर तेज गति से चलाया। इस वजह से गोवर्धन उछलकर नीचे गिर गया। ट्रैक्टर ट्रॉली के नीचे आने से उसकी मौत हो गई। इस घटना की जानकारी परिजनों को नहीं दी। ग्रामीणो व परिजनों ने कहा पर यह मामला हादसा नही हत्या की लग रही है। इस मामले की बारीकी से जांच की जाए। इस घटना के बाद से अभी भी दहशत का माहौल है।
इन बातों से हत्या की आशंका
ग्रामीणों ने लिखित ज्ञापन में लिखा है कि इस मामले में कई ऐसी बात है, जिससे यह मामला हत्या की लग रही है। जिसमें इस हादसे में 13 वर्षीय गोवर्धन की मौत के बाद आखिर घटना की जानकारी उनके माता-पिता व परिजनों को क्यों नहीं दी। बिना पंचनामा के पुलिस शव को पोस्टमार्टम के लिए ले गई। आरोपियों ने मृतक की चप्पल को क्यों जलाया। आरोपियों ने बिना किसी कारण के सीधे गुंडरदेही थाना में आत्मसमर्पण क्यों किया। हालांकि पुलिस ने पहले ही सभी आरोपियों को गिरफ्तार करने की भी बात कही थी। लेकिन ग्रामीणों का कहना है पुलिस सिर्फ दुर्घटना मान रही है। सही जांच व दोषियों पर कड़ी कार्रवाई नहीं की गई तो ग्रामीण आगे और आंदोलन कर सकते हैं। अब इस मामले में पुलिस व ग्रामीणों के बीच तकरार बढ़ती जा रही है।
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