यह रोज पिता के सहारे ट्राई साइकिल से 1 किलोमीटर की दूरी तय कर चलनापदर के मिडिल स्कूल पहुंचती है। छठवीं क्लास में अध्ययन छाया पढ़ाई में कभी लापरवाही बरतना भी पसंद नहीं करती। छाया की तरह की पिता मुलेश्वर भी उसके भी पढ़ाई को लेकर गंभीर हैं। पिता के पैर भी सूजगए हैं ।
बावजूद इसके परवाह किए बिना ट्राईसाईकिल को पीछे से सपोर्ट देकर बेटी को स्कूल तक लाने और ले जाने का काम भी कर रहे हैं। मुलेश्वर ने बताया कि उनकी बेटी पढ़ना चाहती है तो वे उसका हर स्तर पर सपोर्ट करने को तैयार है। उनकी बेटी के अंदर पढ़ाई को लेकर एक अलग ही रुचि है ऐसे में वे चाहते हैं कि उनकी बेटी पढ़ लिखकर आगे जाए।