पाण्डुका थाना के पीछे लगे इस प्लांट की शिकायत के बाद पूर्व में नायब तहसीलदार छुरा चंद्रशेखर मंडावी ने मौके में पहुंचकर जांच की थी और अवैध संचालित प्लांट को बंद करने का आदेश दिया था पर ठेकेदार ने सरकारी आदेश की परवाह किए बगैर राजनीतिक संरक्षण की वजह से अपना काम जारी रखा हुआ है। बता दें कि डामर प्लांट के आसपास प्राथमिक शाला, आंगनबाड़ी केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पाण्डुका, हाईस्कूल पोंड़ एवं पाण्डुका सहित वन परिक्षेत्र कार्यालय थाना परिसर, जल संसाधन कार्यालय, धान खरीदी केंद्र और पैरी कॉलोनी पाण्डुका सहित आसपास राहगीरों को इस प्लांट से निकलने वाली जहरीली गैस, गंदगी और बदबू से ग्रामीण परेशान हैं।
ग्राम पंचायत सचिव विष्णु साहू ने बताया कि सरकारी जमीन पर काबिज डामर प्लांट को हटाने के लिए ग्राम पंचायत द्वारा तीन बार नोटिस दिया गया है, जिसमें जांच में आए तहसीलदार द्वारा हार्डमिक्स प्लांट पाण्डुका को स्थायी रूप से बंद करने का प्रस्ताव भी ग्राम पंचायत द्वारा दिया गया है। जिसमें पर्यावरण और लोगों को विभिन्न प्रकार की बीमारी एवं अनेक प्रकार के रोगों के प्रकोप से हानि हो रही है। साथ ही नियमानुसार ठेकेदार द्वारा कोई भी दस्तावेज उपलब्ध नहीं हैं, जिसे देखते हुए इसे बंद कराने के लिए थाना प्रभारी पाण्डुका, तहसील कार्यालय छुरा, मुख्य कार्यपालन अधिकारी छुरा एवं अनुविभागीय अधिकारी राजस्व गरियाबंद को सूचना दी गई है पर ठेकेदार हटने का नाम नहीं ले रहा है।
इस तरह ठेकेदार के मनमानी से लोग एवं स्कूली छात्र-छात्राओं सहित लोग सभी परेशान हैं व कुछ लोगों के संरक्षण में अवैध रूप से प्लांट संचालित कर रहा है। वहीं इस बारे में ठेकेदार मनीष पवार ने बताया कि ग्राम पंचायत द्वारा मुझे तीन साल के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र दिया गया है। मेरा समय पूरा नहीं हुआ है। सूत्रों की माने तो इस जमीन के आबंटन में लेने-देन एवं मिलीभगत की आशंका जाहिर की जा रही है।