बलरामपुर

यहां सड़क नहीं, प्रसव पीड़ा से तड़प रही महिला को खाट पर 3 किमी ढोकर पहुंचाया एंबुलेंस तक, रास्ते में ही प्रसव

Labor pain: महिला को लाया जा रहा था अस्पताल (Hospital) लेकिन एंबुलेंस (Ambulance) में ही हो गया प्रसव, मेडिकल कॉलेज अस्पताल (Medical college hospital) किया गया रेफर

बलरामपुरJul 18, 2021 / 11:18 pm

rampravesh vishwakarma

Woman on cot

कुसमी. सड़क की सुविधा न होने से एम्बुलेंस के गांव तक नहीं पहुंच पाई। इससे प्रसव पीड़ा झेल रही महिला को परिजन खाट सहित उठाकर 3 किमी दूर ग्राम चंदाडारी तक लेकर पहुंचे।
यहां से महिला को संजीवनी एम्बुलेंस से कुसमी अस्पताल लेकर आ रहे थे। लेकिन अस्पताल पहुंचते ही एम्बुलेंस में ही महिला का प्रसव (Woman delivery in ambulance) हो गया। प्रसूता को कमजोरी होने से उसे मेडिकल कॉलेज अस्पताल अम्बिकापुर रेफर किया गया है।

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गौरतलब है कि बारिश का मौसम आते ही क्षेत्र के कई गांव पहुंच विहीन हो जाते हैं। कई सुदूर गांव तक सड़क नही बन पाई है तो कई नदी-नालों में पुलिया का अभाव है। कच्ची सड़क में कीचड़ जम जाने के साथ ही जगह-जगह गड्ढे होने से ऊबड़-खाबड़ रास्ते में चार पहिया वाहन का पहुंचना असम्भव हो जाता है।
इसी कड़ी में झारखंड सीमा में बसे ग्राम पंचायत करौंधा के बरपाठ में आज भी सड़क की सुविधा नहीं है। यह गांव नगेशिया जनजाति बाहुल्य है। यहां के ग्रामीणों को पंचायत मुख्यालय करौंधा तक पहुंचने के लिए जंगली रास्तों से होकर गुजरना पड़ता है।
वहीं सूखे मौसम में तो ग्राम चंदाडारी की तरफ से कच्चे सड़क से किसी तरह चार पहिया वाहन गांव तक पहुंच जाता है, लेकिन बारिश के मौसम में समस्या बढ़ जाती है। यदि कोई गम्भीर रूप से बीमार हो गया तो उसे मजबूरी में खाट पर ढोकर मुख्य सड़क तक लाना पड़ता है।

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एंबुलेंस में ही हो गया प्रसव
बरपाठ की 24 वर्षीय महारानी नगेशिया पति प्रदीप नगेशिया को शनिवार की देर रात प्रसव पीड़ा होने लगी, परिजनों को कोई साधन नहीं मिल रहा था, तब रविवार की सुबह 108 में फोन लगाया गया।
गांव तक एम्बुलेंस नही पहुंच सकती थी। इस कारण उसे परिजन खाट सहित उठाकर करीब 3 किमी ग्राम चंदाडारी तक लेकर पहुंचे, यहां से उसे संजीवनी एम्बुलेंस की मदद से कुसमी अस्पताल लेकर आ रहे थे। लेकिन एम्बुलेंस जैसे ही कुसमी अस्पताल के गेट तक पहुंची महिला को प्रसव पीड़ा अत्यधिक होने लगी।
तब आनन-फानन में अस्पताल की नर्स द्वारा उसका एम्बुलेंस में ही सुरक्षित प्रसव कराया गया। उसने बेटी को जन्म दिया। यहां उपचार के बाद प्रसूता की कमजोर हालत देखते हुए उसे महतारी एक्सप्रेस से अम्बिकापुर रेफर किया गया है। वहां उसका उपचार चल रहा हैं।

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