राजपुर. आधुनिक युग में आज भी ग्रामीण इलाकों में लोग खेती-किसानी के सीजन में बारिश होने के लिए पूजा-पाठ के साथ ही कई परंपरागत तरीके अपनाते हैं। जो अपने आप में अनोखे व सुर्खियां बटोरने वाले होते हैं। कुछ ऐसा ही नजारा रविवार को बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के डौरा बाजार के पास देखने को मिला।
यहां अब तक बारिश न होने से चिंतित ग्रामीणों ने एकजुट होकर धूमधाम से मेंढक-मेंढकी की शादी कराई। बाकायदा एक गांव से मेंढक की बारात निकली जो गाजे-बाजे के साथ डौरा पहुंची, फिर यहां शादी कराई गई।
खेती-किसानी के सीजन में 15 जुलाई होने के बाद भी क्षेत्र में बारिश नहीं होने के कारण किसानों को चिंता सता रही है। पानी न गिरने के कारण किसानों की फसल पिछड़ती जा रही है। इससे चिंतित ग्राम डूमरखोला व आसपास के ग्रामीणों ने वर्षों से चली आ रही एक अनोखे परंपरागत तरीके को अपनाने की ठानी।
ग्रामीणों की ऐसी मान्यता है कि मेंढक-मेंढकी की शादी कराने से अच्छी बारिश होती है और इंद्रदेव भी मान जाते हैं। इसी मान्यता के अनुसार उन्होंने रविवार को धूमधाम व अपने रीति-रिवाज से मेंढक-मेंढकी की अनोखी शादी कराई, जो पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय रही।
शादी में बारातियों का हुआ स्वागत ग्राम डूमरखोला के निवासी दोपहर 12 बजे गांव से मेंढक की बारात गाजे-बाजे के साथ लेकर निकले। इसमें बड़ी संख्या में ग्रामीण शामिल हुए। बाराती नाचते-गाते ग्राम डौरा पहुंचे। यहां उनका स्वागत डौरा के लोगों द्वारा किया गया।
फिर विधि-विधान से पूजा-पाठ करने के बाद मेंढक-मेंढकी की शादी कराई गई। इस अनोखी शादी में ग्राम कोचली, डूमरखोला, डौरा व अन्य गांव के बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।
Home / Balrampur / अजब-गजब : इंद्रदेव को मनाने धूमधाम से लेकर पहुंचे मेंढक की बारात, फिर मेंढकी से कराई शादी