एंबुलेंस नहीं मिली तो घायल बेटे को मां ठेले पर ले गई अस्पताल, रास्ते भर ठेले को लगाती रही धक्का
Health Service: नगर के चौराहे पर अचानक गिर पड़ा था श्रमिक, कॉल करने के बाद भी एंबुलेंस (Ambulance) नहीं हो पाई उपलब्ध, इधर सिर में गंभीर चोट देख डॉक्टरों ने किया रेफर
वाड्रफनगर. सरगुजा संभाग में स्वास्थ्य सुविधाओं (Health Service) के लिए आए दिन लोगों को मोहताज होना पड़ रहा है। चाहे मैनपाट की बात करें या कुसमी की। मैनपाट क्षेत्र में मरीजों को एंबुलेंस तो मिलती है लेकिन रास्ता न हो पाने की वजह से बीमार को झेलगी में ढोना पड़ता है। कुसमी क्षेत्र का भी वहीं हाल है।
ऐसी ही एक तस्वीर बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर से आई है। एक युवा श्रमिक अचानक सडक़ पर गिर पड़ा। लोगों द्वारा एंबुलेंस को कॉल किया गया तो वह किसी दूसरी जगह गया था। बाद में युवक के माता-पिता ठेले में ढोकर उसे अस्पताल ले गए। इस दौरान घायल की मां ठेले को धक्का देती रही।
गौरतलब है कि नगर पंचायत वाड्रफनगर निवासी अशोक उर्फ बबुआ पिता दुखी पासवान 42 वर्ष ठेला चलाकर जीवन-यापन करता है। बुधवार को नगर के राजीव गांधी चौक पर अचानक चक्कर आने पर वह गिर पड़ा, इससे उसे गंभीर चोटें आईं।
यह देख वहां मौजूद लोगों ने उसकी हालत देख तत्काल एंबुलेंस के लिए 108 पर फोन किया परंतु 108 अन्य मरीज को लेने कहीं और गई थी। दूसरी एंबुलेंस नहीं होने के कारण सेवा (Health service) उपलब्ध नहीं हो सकी।
ऐसे में काफी देर तक सडक़ पर ही बेहोशी की हालत में पड़े श्रमिक को उठाकर सडक़ किनारे किया गया। इस दौरान वहां के लोगों ने भी निजी वाहन में उसे अस्पताल पहुंचाने की जहमत नहीं उठाई।
माता-पिता ठेले पर ढोकर ले गए अस्पताल इस बात की जानकारी जब घायल के माता-पिता को हुई तो वे वहां पहुंच गए। इसके बाद वे सहयोगी ठेला चालक के ठेले पर लिटाकर उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए। इस दौरान उसकी मां रास्तेभर ठेले को धक्का देती रही जबकि सहयोगी ठेला चालक उसे खींचता रहा।
डॉक्टरों ने किया रेफर अस्पताल पहुंचने के बाद डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के उपरांत सिर पर गंभीर चोट होने की वजह से उसे अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया।
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