इसमें नहाने गई बच्ची की जान (Drowned) चली गई। घटना के बाद सनावल थाने में मर्ग कायम कर आज शव का पोस्टमार्टम करा शव परिजनों को सौंप दिया गया। (Big incident)
बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के रामचंद्रपुर विकासखंड के ग्राम पंचायत कुशफर के स्कूल पारा में पनघट नाला में ग्राम पंचायत के द्वारा 12 लाख की लागत से पुलिया का निर्माण कराया जा रहा है। इसके लिए करीब 20 दिन पूर्व बड़ा गड्ढा अनावश्यक रूप से कर दिया गया था, जिसे तत्काल भर देना चाहिए था परंतु पंचायत की लापरवाही से बीच सडक़ में किया गया गड्ढा पाटा ही नहीं गया। इससे इस गड्ढे में करीब 5 फिट पानी भर गया।
बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के रामचंद्रपुर विकासखंड के ग्राम पंचायत कुशफर के स्कूल पारा में पनघट नाला में ग्राम पंचायत के द्वारा 12 लाख की लागत से पुलिया का निर्माण कराया जा रहा है। इसके लिए करीब 20 दिन पूर्व बड़ा गड्ढा अनावश्यक रूप से कर दिया गया था, जिसे तत्काल भर देना चाहिए था परंतु पंचायत की लापरवाही से बीच सडक़ में किया गया गड्ढा पाटा ही नहीं गया। इससे इस गड्ढे में करीब 5 फिट पानी भर गया।
यहां सोमवार की दोपहर 2.30 बजे के करीब कन्हाई सिंह की 11 वर्षीय बेटी बबीता नहाने के लिए आई और डूबने से उसकी मौत हो गई। घटना की जानकारी जैसे गांव में फैली मातम पसर गया घटना की सूचना पर सनावल थाने से पुलिस कर्मी मौके पर पहुंचे। सनावल थाने में घटना पर मर्ग कायम किया गया है।
इस संबंध में सनावल थाना प्रभारी अमित बघेल ने कहा कि घटना पर मर्ग कायम कर शव का पोस्टमार्टम करा परिजनों को सौंप दिया गया है। वहीं मामले की विवेचना की जा रही है। यदि लापरवाही से बच्ची की जान गई है तो संबंधित लोगों के विरुद्ध 304 के तहत मामला पंजीबद्ध किया जाएगा।
कब रुकेगा मासूमों की मौत का सिलसिला
क्षेत्र में लगातार मासूमों के डबरी तालाब में नहाने के दौरान मौत हो रही है। कुछ दिन पूर्व ही देवगई में दो मासूम बच्चियों की मौत हुई थी जिसे लोग अभी भूला भी नहीं पाए थे कि कुशफर में घटना घट गई।
वहीं कनकपुर में भी एक मासूम बच्ची की तालाब में डूबने से मौत हुई थी। करीब 1 माह पूर्व ग्राम पंचायत सिलाजु में तीन मासूम बच्चियों का तालाब में डूबने से मौत हुई थी। घटना पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी गहरा दुख जताया था।
गड्ढे को क्यों नहीं भरा गया
ग्रामीणों का कहना है कि जिस प्रकार से ग्राम पंचायत कुशफर में घटना हुई है, उसकी निश्चित ही जवाबदारी पंचायत की है। यदि पंचायत द्वारा पुलिया निर्माण के लिए बड़ा गड्ढा करवाया गया था तो काम खत्म होने के बाद उसे क्यों नहीं भरवाया गया। यदि पंचायत द्वारा गड्ढा भरवा दिया जाता तो ऐसी हृदय विदारक घटना नहीं घटती।