लॉकडाउन के बाद बिलासपुर से 30 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम धबनी के धागा कंपनी में काम करने वाले बिहार के मजदूर कंपनी के अंदर ही रह रहे थे, वहां 28 मार्च तक रहे उसके बाद जब सभी के पास खाने पीने के लिए पैसा खत्म हो गया एवं कंपनी द्वारा भी पैसा नहीं दिया गया तब परेशान होकर 29 मार्च की शाम को सभी वहां से पैदल चल दिए।
नहीं दिया 1 माह का वेतन
अगर धागा फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूरों को बीते 1 माह का वेतन मिल गया रहता तो कोई वहां से पैदल नहीं चलता। सभी के पास पैसा खत्म हो जाने के बाद मजबूरी में पैदल निकले।
नया रायपुर से भी आए पैदल
नवा रायपुर के एक ठेकेदार के अंडर में सेंटरिंग का कार्य करने वाले 8 से अधिक मजदूर को जब ठेकेदार द्वारा पैसा नहीं दिया गया तो सभी वहां से पैदल चल दिए। वे भी गुरुवार को रामानुजगंज पहुंचे। मजदूरों का कहना था यदि हम लोगों को पैसा मिल गया रहता तो हम लोग वहां से नहीं निकले।
सामुदायिक रसोईघर से कराया भोजन
रायपुर एवं बिलासपुर से आए सभी मजदूरों को सामुदायिक रसोईघर से नगर पंचायत अध्यक्ष रमन अग्रवाल, पार्षद राजेश सोनी, अनूप कश्यप, पवन गुप्ता, ओम जायसवाल, अधिवक्ता अविनाश गुप्ता, दिलीप केशरी सहित अन्य लोगों द्वारा गर्म भोजन कराया गया। जनप्रतिनिधियों व नगरवासियों की इस पहल की सराहना हो रही है।