गौरतलब है कि पहले आंख (Eye) से जुड़ी बीमारियों तथा मोतियाबिंद के ऑपरेशन के लिए मरीजों को अम्बिकापुर या बड़े शहरों का रूख करना पड़ता था लेकिन जिला खनिज न्यास निधि से प्रशासन ने आई ओटी का निर्माण करवाकर जिलेवासियों को बड़ी सौगात दी है।
जिले में विशेषज्ञ डॉक्टर सह आई सर्जन की भी पदस्थापना की गई है जो नियमित रूप से ओपीडी में आंख से जुड़ी बीमारियों की जांच कर उनका इलाज कर रहे है, साथ ही अब आंख का ऑपरेशन भी जिला अस्पताल में संभव है। डॉक्टरों की टीम द्वारा आई ओटी के शुभारंभ के साथ ही 15 मरीजों का सफल ऑपरेशन किया गया।
विधायक बृहस्पत सिंह ने इस दौरान आंख के ऑपरेशन के लिए पहुंचे मरीजों को कम्बल भी वितरित किया। विधायक ने कहा कि जिला अस्पताल बलरामपुर एक समय रेफर अस्पताल बन गया था लेकिन शासन के मंशानुरूप और प्रशासन की सक्रियता से विभिन्न बीमारियों का इलाज अब संभव यही हो पा रहा है।
जिला अस्पताल में हड्डी रोग, महिला रोग, मेडिसिन विभाग, नाक, कान, गला तथा शिशु रोग विशेषज्ञों की उपलब्धता है, इसी कड़ी में अब आंख के विशेषज्ञ डॉक्टर की कमी थी जो दूर हो गई है। उन्होंने कहा कि अस्पताल में सुविधाओं के विस्तार के लिए कार्ययोजना तैयार की जा रही है तथा शासन के मंशानुरूप जिला अस्पताल को सर्वसुविधायुक्त बनाने का संकल्प लिया गया है।
इस दौरान आई सर्जन रजत टोप्पो, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बसंत सिंह, सिविल सर्जन सह अस्पताल अधीक्षक आरके त्रिपाठी सहित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।
कलक्टर ने ली जानकारी
कलक्टर श्याम धावड़े ने डॉक्टरों से चर्चा कर आंख के ऑपरेशन के लिए किन सावधानियों का पालन करना पड़ता है, इसकी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि आंख के इलाज के लिए आए मरीजों को सभी सुविधाएं प्रदान की जाए तथा उन्हें पूर्ण रूप से स्वास्थ्य लाभ करने के उपरांत ही अस्पताल से डिस्चार्ज करें।
अस्पताल में 50 बिस्तर के आश्रय स्थल का शुभारंभ
दीनदयाल अंत्योदय योजना के अंतर्गत-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन द्वारा अस्पताल परिसर में नवनिर्मित 50 बिस्तरों का आश्रय स्थल का रामानुजगंज विधायक बृहस्पत सिंह, कलक्टर श्याम धावड़े, पुलिस अधीक्षक ामकृष्ण साहू, नगरपालिका बलरामपुर के अध्यक्ष्गोबिन्दराम तथा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत तूलिका प्रजापति द्वारा शुभारंभ किया गया।
आश्रय स्थल के प्रभारी ने विधायक को बताया कि आश्रय स्थल में ऐसे व्यक्ति जो गरीब, आश्रयहीन तथा बेसहारा हैं उन्हें यहां रखा जाएगा और उनकी देखरेख की जायेगी। साथ ही अस्पताल में भर्ती मरीजों के परिजन जिनके पास रुकने की व्यवस्था नहीं है उन्हें भी आश्रय प्रदान किया जाएगा।
बेसहारा तथा गरीबों के लिए आश्रय स्थल में रूकने की व्यवस्था पूर्णत: नि:शुल्क होगी एवं इसका संचालन समूह की महिलाओं द्वारा किया जाएगा। विधायक ने आश्रय स्थल के प्रभारी को इसी तरह व्यवस्था बनाये रखते हुए संचालन करने के निर्देश दिए।