थाने में धारा 5 अपठित धारा 6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 विकल्प में धारा 376 (2) (ढ) तथा 506 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर न्यायालय में प्रस्तुत किया था। मामले में अपर सत्र न्यायाधीश विशेष न्यायालय पॉक्सो एफटीसी रामानुजगंज वंदना दीपक देवांगन ने फैसला सुनाते हुए अपराध की प्रकृति तथ्य एवं परिस्थितियों को देखते हुए प्रस्तुत मामले में अभियुक्त द्वारा किए गए अपराध की प्रकृति को दृष्टिगत रखते हुए अभियुक्त को धारा 506 के तहत एक वर्ष सश्रम कारावास एवं 1000 का अर्थदंड, वहीं धारा 376 (2) (ढ) के आरोप में दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास (Lifetime Imprisonment) एवं 10 हजार के अर्थ दण्ड की सजा सुनाई।
14 मार्च 2019 की सुबह 5 बजे के करीब 12 वर्षीय बालिका जो अपने रिश्तेदार के यहां बारात में सम्मिलित थी। वह अपनी दीदी एवं मौसी के साथ बारात देख रही थी। उसी समय उसका 19 वर्षीय करीबी रिश्तेदार आया एवं वहां से बहला-फुसलाकर बालिका को अपने साथ जबरन स्कूल की तरफ ले गया।
यहां उसने बालिका से बलात्कार किया एवं किसी को यह बात बताने पर जान से मारने की धमकी दी थी। इधर बालिका ने यह बात अपने परिजन को बताई तो परिजनों ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। मामले में पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुत किया।
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कोर्ट ने सुनाई आजीवन कारावास की सजासुनवाई पूरी होने के बाद अपर सत्र न्यायाधीश विशेष न्यायालय पॉक्सो एफटीसी रामानुजगंज वंदना दीपक देवांगन ने आरोपी को आजीवन कारावास व 10 हजार के अर्थदंड से दंडित किया है।
वहीं न्यायाधीश ने बालिका के शारीरिक, मानसिक हानि और पुनर्वास हेतु 10 लाख रुपए का प्रतिकर प्रदान करने की अनुशंसा की। वहीं कलक्टर बलरामपुर-रामानुजगंज को 18 वर्ष आयु होने तक बालिका की नि:शुल्क शिक्षा किसी अच्छे शैक्षणिक संस्थान में प्रदान कराए जाने के निर्देश दिए हैं।