बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के ग्राम करचा, चांदो निवासी आदर्श बखला 33 वर्ष शंकरगढ़ थाने में आरक्षक था। लॉकडाउन में उसकी ड्यूटी शंकरगढ़-कुसमी मार्ग पर स्थित बादा बैरियर पर लगी थी। उसके साथ सीएएफ का जवान कुलदीप मिंज भी ड्यूटी कर रहा था। मंगलवार की रात करीब 11 बजे अचानक सीएएफ जवान कुलदीप की तबियत खराब होने लगी तो आरक्षक आदर्श बखला उसे बाइक पर बैठाकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शंकरगढ़ ला रहा था।
सडक़ हादसे की सूचना किसी ने शंकरगढ़ पुलिस को दी। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई और दोनों को अस्पताल लाया। यहां जांच पश्चात डॉक्टरों ने आरक्षक को मृत घोषित कर दिया, जबकि सीएएफ जवान की गंभीर हालत को देखते हुए उसे मेडिकल कॉलेज अस्पताल अंबिकापुर के लिए रेफर कर दिया।
परिजनों में पसरा मातम
दुर्घटना में आरक्षक की मौत की खबर पुलिस द्वारा उसके परिजन को दी गई। सूचना मिलते ही उसके घर में कोहराम मच गया। वे रात में ही शंकरगढ़ अस्पताल पहुंच गए। आरक्षक का शव देख वे बिलख-बिलख कर रोने लगे। इधर पुलिस ने ट्रक चालक के खिलाफ अपराध दर्ज कर लिया है।
बीच सडक़ पर खड़े रहते हैं भारी वाहन
अक्सर देखा गया है कि रात में भारी वाहनों के चालक बीच सडक़ पर ही उसे खड़ा कर छोड़ देते हैं। लापरवाही का आलम ये होता है कि वे इंडिकेटर भी नहीं जलाते ताकि अन्य वाहन चालकों को पता चल सके। अंधेरे में खड़े ऐसे वाहनों के कारण कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं और लोगों को जान गंवानी पड़ी है।