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बलरामपुर

गठबंधन के बाद धुरविरोधी रहे नेता हुए एक, मंच किया साझा

राजनैतिक गलियारे कब कोई गलबहिंया थाम कर चलने लगें इसका कोई ठिकाना नहीं होता। इसका उदाहरण सपा-बसपा गठबंधन के बाद जीवंात देखने को मिला।

बलरामपुरMar 13, 2019 / 11:20 pm

Abhishek Gupta

Balrampur news

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बलरामपुर. राजनैतिक गलियारे कब कोई गलबहिंया थाम कर चलने लगें इसका कोई ठिकाना नहीं होता। इसका उदाहरण सपा-बसपा गठबंधन के बाद जीवंात देखने को मिला। कभी धुर विरोधी रहे अपने अपने क्षेत्र के कद्दावर नेता आज एक दूसरे के साथ के साथ मंच साझा करते नजर है। ऐसा ही कुछ नजारा बलरामपुर जिले में देखने को मिला। समाजवादी पार्टी से गैसड़ी विधानसभा के कद्दावर नेता डा. एसपी यादव है। सपा शासन काल में डा. एसपी यादव राज्यमंत्री रह चुके है और लखनऊ के प्रभारी मंत्री भी अखिलेश सरकार में रहे है। डा. एसपी यादव समाजवादी पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के काफी करीबी माने जाते है। 2012 के विधानसभा चुनाव में इन्होने बहुजन समाज पार्टी के नेता अलाउद्दीन खां को हराया था। अलाउद्दीन खां बसपा के कद्दावर नेता है और गैसड़ी विधानसभा से ही विधायक भी रह चुके है। ऐसा ही कुछ राजनैतिक उठापटक बलरामपुर विधानसभा में भी रह चुका है। वर्ष 2012 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर पहली बार जगराम पासवान चुनाव लड़ने रण भूमि में उतरे। जगराम पासवान के सामने बसपा के कद्दावर व बसपा सुप्रिमों के करीबी माने जाने वाले राम सागर अकेला ने चुनाव लड़ा। लेकिन सपा के आंधी में खो गए और यह सीट भी समाजवादी पार्टी के खाते में चली गई थी।
गठबंधन के बाद गलबहिया लगते दिखाई देने लगे धुरविरोधी रहे नेता-

सपा व बसपा के मुखिया द्वारा गठबंधन के ऐलान के बाद कभी राजनीति में धुरविरोधी रहे नेता भी आज एक साथ मंच साझा करते नजर आते है। दोनो ही पार्टी के नेता एक दूसरे के गुणगान करते हुए कसीदे पढ़ते है। अब यह लोकसभा चुनाव का परिणाम ही बतायेगा की गलबहियां डाल रहे नेता सिर्फ पार्टी के आदेश पर एक हुए थे यह इन्होने सारे गिले शिकवे भुलाकर एक साथ रहने का संकल्प भी ले लिया है।
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