विवेचना के दौरान यह पता चला कि मृतक भूरे अपनी शादी के कुछ वर्ष बाद परदेश कमाने चला गया और लगभग 10-12 वर्ष तक लौट कर घर नहीं आया। इसी बीच भूरे की पत्नी चिनका देवी का अवैध सम्बन्ध गांव के ही घनश्याम कोरी पुत्र पराग कोरी से हो गया। लगभग 02 माह पूर्व भूरे का पुत्र उसे ढूढकर घर लाया था। पति के घर आ जाने के बाद भी चिनका देवी घनश्याम से मिलती जुलती थी जिसका विरोध भूरे ने कई बार किया। यह बात घनश्याम तथा चिनका देवी को नागवार गुजरी और रास्ते का कांटा बन चुके अपने पति को हटाने का मन बना लिया। 02 सितम्बर को सुबह 4.30 बजे पति-पत्नी टहलने गये थे।
अभियुक्तों को पुलिस ने भेजा जेल
पूर्व में निर्धारित योजना के अनुसार घनश्याम कोरी पहले से ही घात लगाये बैठा था। जिसने पूनम सिंह के गन्ने के खेत के पास पक्की सड़क के किनारे चिनका देवी के साथ मिलकर भूर्रे के गले मे पड़े हुए केसरिया गमछे से गला दबा कर उसकी हत्या कर दी। हत्या करने के बाद लाश को सन्तराम यादव के गन्ने के खेत मे और गमछे को पूनम सिंह के गन्ने के खेत मे छुपा दिया था। हत्या का पटाक्षेप होने के बाद दोनो अभियुक्तों (पत्नी व उसके प्रेमी) को उनके घर से गिरफ्तार कर लिया गया और उनकी निशानदेही पर आला कत्ल केसरिया रंग का गमछा बरामद किया गया। दोनों अभियुक्तों को पुलिस ने जेल भेज दिया है।