scriptबीटेक होल्डर युवक को नहीं मिली नौकरी तो उठा लिया यह बड़ा कदम, जानकर आपके भी उड़ जाएंगे होश | A Boy suicide due to Depression in banda | Patrika News
बांदा

बीटेक होल्डर युवक को नहीं मिली नौकरी तो उठा लिया यह बड़ा कदम, जानकर आपके भी उड़ जाएंगे होश

नौकरी न मिलने से एक बीटेक होल्डर युवक ने डिप्रेसन के चलते फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली।

बांदाApr 20, 2019 / 03:45 pm

Neeraj Patel

A Boy suicide due to Depression in banda

बीटेक होल्डर युवक को नहीं मिली नौकरी तो उठा लिया यह बड़ा कदम, जानकर आपके भी उड़ जाएंगे होश

बांदा. मां-बाप का सपना होता है कि उसका बेटा पढ़-लिखकर एक अच्छी नौकरी करे और खून-पसीना एक कर मां-बाप अपने बच्चे को पढ़ाते है ताकि वो उनके बुढ़ापे का सहारा बन सके। पढाई-लिखाई के बाद लड़के नौकरी की तलाश में जुट जाते है और कई बार नौकरी न मिलने से हताश होकर लड़के मौत को गले लगा लेते हैं। ऐसी ही एक घटना आज बांदा में देखने को मिली है, जहां आठ महीने तक नौकरी की तलाश करने पर नौकरी न मिलने से एक बीटेक होल्डर युवक ने डिप्रेसन के चलते फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। मौके पर पहुंची पुलिस ने लाश को पोस्ट-मार्टम को भेजकर जांच शुरू कर दी है।

ये है पूरा मामला

मामला यह है कि बांदा शहर के बालखण्डी नाका मोहल्ले के निवासी सुबोध कुमार अग्रवाल की बहन की शादी एमपी के छतरपुर जिले में हुई थी, उनका भांजा उत्कर्ष अग्रवाल शुरू से ही बांदा में उनके घर में रहकर पढ़ाई करता था व शहर के इंजीनियरिंग कॉलेज से बीटेक इंजीनियरिंग की पढाई भी की। पढाई पूरी करने के बाद उत्कर्ष अग्रवाल नौकरी की तलाश में जुट गया, पर नौकरी न मिलने से वह डिप्रेसन में चला गया। मामा ने अपने भांजे को डॉक्टर को दिखाकर इलाज शुरू करवाया, जिस पर डाक्टरों ने डिप्रेसन की बात बताते हुए एहतियात बरतने की सलाह दी थी।

आठ महीने से नौकरी के लिए दर-दर की ठोकर खाने के बाद उत्कर्ष अग्रवाल डिप्रेसन में चला गया और इसी के चलते उसने कमरे में पंखे से फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। परिजनों की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने युवक की लाश का पंचनामा भरकर पोस्ट-मार्टम को भेज दिया।

डिप्रेशन के चलते की आत्महत्या

युवक के मामा ने बताया कि उसका भांजा उत्कर्ष अग्रवाल उनके साथ ही रहता था व बांदा से ही बीटेक इंजीनियरिंग की पढाई की थी। नौकरी न मिलने से वह डिप्रेशन में चला गया और आज इसी के चलते उसने घर के कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मामा के मित्र अधिवक्ता राघवेंद्र सिंह भदौरिया ने बताया कि सुबोध कुमार अग्रवाल उनके मित्र है और उनका कई वर्षों से उनके घर में आना-जाना है। बताया कि उनका भांजा शुरू से ही सुबोध अग्रवाल के घर में रहता चला आ रहा है, बांदा से ही उसने इंटरमीडिएट और बीटेक इंजीनियरिंग की पढाई की। इसके माता-पिता एमपी के छतरपुर में रहते हैं।

 

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो