स्वास्थ्य आयुक्त पंकज कुमार पांडे ने कारण बताओं नोटिस जारी कर अस्पतालों को 48 घंटे में जवाब देने के लिए कहा है कि उनके खिलाफ प्रदेश आपदा प्रबंधन अधिनियम और कर्नाटक निजी चिकित्सा प्रतिष्ठान अधिनियम (KPME) 2017 के तहत कार्रवाई क्यों न हो।
मरीज के परिजनों के अनुसार शनिवार और रविवार को मरीज को लेकर वे 18 निजी अस्पतालों के चक्कर काटते रहे लेकन बिस्तर या वेंटिलेटर या फिर आइसीयू की कमी का हवाला दे अस्पतालों ने उपचार से मना कर दिया। इस बीच मरीज की मौत हो गई। पांडे ने कहा कि कोविड मरीज को उपचार से वंचित करना केपीएमइ अधिनियम का उल्लंघन है। निजी अस्पताल कोविड मरीजों या फिर कोरोना संक्रमण वाले लक्षण के मरीजों को मना नहीं कर सकते हैं।
निजी अस्पतालों के प्रमुखों को संबोधित करते हुए पांडे ने कहा कि मरीज को उपचार से मना कर अस्पतालों ने नियमों का उल्लंघन किया है और इस संबंध में अस्पताल प्रबंधन कानूनी कार्रवाई के लिए उत्तरदायी हैं। स्वास्थ्य मंत्री बी. श्रीरामुलू ने भी कहा कि इलाज से मना करने वाले अस्पतालों को नोटिस जारी किया गया है।