सिद्धरामय्या के 75वें जन्मदिन का जश्न मनाने के लिए पिछले साल अगस्त में आयोजित सिद्धरामोत्सव की तर्ज पर, सीएम के समर्थकों ने एक ऐसी ही रैली की योजना बनाई है, जिसे राज्य में बदलते राजनीतिक परिदृश्यों की संभावनाओं के बीच शक्ति प्रदर्शन के रूप में देखा जा रहा है। कहा जा रहा है कि सिद्धरामय्या के करीबी सहयोगियों की आयोजक टीम ने इस रैली में 10 लाख से अधिक लोगों को इक_ा करने की योजना बनाई है और इसके लिए पहले से ही कई उप-समितियां बना दी गई हैं।
इस आयोजन को सिद्धरामय्या केे यह साबित करने वाले शक्ति प्रदर्शन के रूप में देखा जा रहा है कि वे अभी भी अहिंदा वोटों को नियंत्रित करते हैं जो लोकसभा चुनावों के लिए महत्वपूर्ण होंगे। सिद्धरामय्या की टीम ने कथित तौर पर लोकसभा चुनाव से पहले रैली को कांग्रेस के लिए एक आवश्यकता के रूप में पेश किया है और कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) के नेताओं के समक्ष फैसले का बचाव किया है।
जाति जनगणना की राजनीति पिछड़ा वर्ग के नेताओं ने कांतराज समिति की रिपोर्ट को स्वीकार करने के लिए सरकार पर दबाव बनाने के लिए इस मंच का उपयोग करने का भी निर्णय लिया है। जाति जनगणना रिपोर्ट अगले साल जनवरी में अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष जयप्रकाश हेगड़े द्वारा सरकार को सौंपे जाने की संभावना है। इस रिपोर्ट का राजनीतिक रूप से प्रभावशाली लिंगायत और वोक्कालिगा विरोध कर रहे हैं। 14 दिसंबर को 60 लिंगायत विधायकों ने एक पत्र पर हस्ताक्षर कर जाति जनगणना का सर्वे दोबारा कराने की मांग की थी। ओबीसी आयोग से रिपोर्ट लेने पर अड़े सीएम के लिए यह रैली अहम होगी. यह सर्वेक्षण सिद्धरामय्या ने 2015 में सीएम के रूप में अपने पहले कार्यकाल के दौरान कराया था।
उपमुख्यमंत्री को एक संदेश? खबरों के मुताबिक, जब सत्ता साझेदारी की टसल चल रही है तो सिद्धरामय्या के समर्थक उनके पीछे वजन बढ़ाने के लिए यह रैली आयोजित कर रहे हैं। यदि लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस केंद्र में सत्ता में आने में विफल रहती है, तो सिद्धरामय्या के समर्थकों के एक वर्ग का मानना है कि शिवकुमार कांग्रेस आलाकमान पर उन्हें मुख्यमंत्री नियुक्त करने के लिए दबाव डाल सकते हैं। शिवकुमार और आलाकमान को संदेश भेजने के लिए सिद्धरामय्या के समर्थकों ने कथित तौर पर सीएम का समर्थन दिखाने के लिए इस रैली की योजना बनाई है। उधर, डिप्टी सीएम दिल्ली में हैं और माना जा रहा है कि आलाकमान के सामने शिवकुमार अपना विरोध व्यक्त करते हुए वहां इस मुद्दे को उठाएंगे।