कर्नाटक चित्रकला परिषद के अध्यक्ष बी.एल.शंकर के अनुसार सामाजिक दूरी जैसी शर्तों का पालन करते हुए चित्रकला प्रदर्शनी और बिक्री आयोजित करना संभव नहीं है।आर्ट गैलरियों में आकर चित्र देखने और कोई कलाकृति खरीदने से मिलने वाली संतुष्टी ऑनलाइन खरीदने पर नहीं मिलती है। आर्ट गैलरियों में आयोजित चित्रकला प्रदर्शनी के माध्यम से चित्रकला प्रेमियों को कलाकार से संवाद करने का अवसर मिलता है।
लिहाजा आर्ट गैलरियों में सन्नाटा कलाकारों तथा कलाप्रेमी दोनों के लिए नुकसानदेह साबित हो रहा है।चित्रकार एक कलाकृति तैयार करने में कई महीने मेहनत करता है। वह हमेशा अपनी कलाकृति आर्ट गैलरी में प्रदर्शित करने के लिए लालायित रहता है लेकिन कोरोना वायरस संक्रमण रोकने के लिए घोषित दिशा-निर्देशों के कारण लोग आर्ट गैलरी में नहीं आ रहे है। परिणाम स्वरूप शहर की आर्टगैलरियां बंद होने के कगार पर पहुंच गई हैं।कलाप्रेमी सजावट या संग्रह के लिए कलाकृतियां खरीदते हैं। अधिकांश कलाकारों की जीवनी कला प्रदर्शनियों पर निर्भर होती है। कोरमंगला, एमजी रोड, शेषाद्रीपुरम क्षेत्र में स्थित विभिन्न आर्ट गैलरियों में कमोबेश यहीं हाल हंै। फरवरी के बाद से शहर में अभी तक एक भी कला प्रदर्शनी नहीं लगी है।
चित्रकार बीएस सोमशेखर के अनुसार वास्तविक कला प्रदर्शनी की तुलना वर्चुअल प्रदर्शनी से नहीं की जा सकती है। कुछ कलाकार मजबूरन वर्चुअल चित्रकला प्रदर्शनी लगा रहे हैं। कला प्रेमी ऑॅनलाइन कलाकृतियां खरीद रहे हैं लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। चित्रकला प्रदर्शनी ही एक मात्र ऐसा मंच है जहां पर सभी चित्रकार अपनी कलाकृत्रियां बेच सकते हैं।