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बैंगलोर

सुबह में भाजपा और शाम को कांग्रेस संग

बह शंकर ने भाजपा को समर्थन देने की घोषणा कर दी लेकिन कुछ ही घंटे बाद शंकर ने फिर पाला बदल लिया

बैंगलोरMay 17, 2018 / 07:13 pm

Ram Naresh Gautam

kar nataka
बेंगलूरु. सत्ता को लेकर चल रहे जोड़-तोड़ के बीच राजनीतिक निष्ठा बदलने का खेल भी तेजी से चल रहा है। हावेरी जिले के रानीबेन्नूर से से एक क्षेत्रीय पार्टी केपीजेपी के टिकट के जीते आर. शंकर के अपने साथ होने का दावा कांग्रेस-जद (ध) मंगलवार शाम तक कर रहा था लेकिन बुधवार सुबह शंकर ने भाजपा को समर्थन देने की घोषणा कर दी लेकिन कुछ ही घंटे बाद शंकर ने फिर पाला बदल लिया। शंकर शाम में कांग्रेस-जद (ध) विधायकों के साथ राजभवन के बाहर दिखे। शंकर ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सिद्धरामय्या, बैरती सुरेश उनके नेता हैं और वे कांग्रेस के साथ हैं। शंकर के कांग्रेस के साथ आने के बाद गठबंधन के पास 118 विधायक हो गए हैं। कांग्रेस के 78, जद (ध) के 37, बसपा, केपीजेपी के 1-1 विधायक के साथ ही गठबंधन को एक निर्दलीय विधायक का भी समर्थन हासिल है। भाजपा के विधायकों की संख्या 104 है।
रिजॉर्ट की राजनीति भी शुरू
सरकार बनाने की दावेदार दोनों ही खेमा विधायकों की खरीद-फरोख्त से बचाने में जुटी हैं। कांग्रेस अपने विधायकों को शहर के बाहरी इलाके में स्थित एक रिजार्ट में ले गई। रिजार्ट में आनंद सिंह को छोड़कर कांग्रेस के बाकी 77 विधायक मौजूद हैं। हालांकि, यू टी खादर के किसी कारणवश रिजार्ट छोड़कर मेंगलूरु जाने की खबर है। जद (ध) अपने विधायकों को शहर के एक होटल मेंं ठहराया था लेकिन येड्डियूरप्पा को सरकार बनाने का आमंत्रण मिलने के बाद उसने भी अपने विधायकों को ऑपरेशन कमल से बचाने के लिए उसी रिजार्ट में भेजने की तैयारी कर रही है। कांगे्रस नेताओं से बदले हालात पर चर्चा करने के लिए कुमारस्वामी भी रिजार्ट पहुंचे हैं। इस चर्चा है कि भाजपा भी अपने विधायकों को शहर के एक रिजार्ट में रखने की तैयारी कर रही है।

सिद्धू ने दी आंदोलन की चेतावनी
कांग्रेस तथा जनता दल (ध) गठबंधन के पास 117 विधायकों का समर्थन है। अगर राज्यपाल इस गठबंधन को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित नहीं करेंगे, तो जनता सड़कों पर उतरकर संघर्ष करेगी। इसके लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार होगी। पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या ने यह चेतावनी दी। यहां बुधवार को कांग्रेस विधायक दल की बैठक के पश्चात उन्होंने कहा कि जनता दल के नेता एच.डी. कुमारस्वामी को समर्थन पत्र पर कांग्रेस के सभी विधायकों ने हस्ताक्षर किए है। किसी भी हालत में सबसे बड़ा दल के मानदंड पर भाजपा को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित नहीं किया जाए। क्योंकि ऐसा करना लोकतांत्रिक मूल्यों की हत्या होगी। कांग्रेस ऐसे फैसले का पुरजोर विरोध करेगी।
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