scriptकर्नाटक के 18 जिलों में जल-जीवन की अलख जगाएगा बीजेएस | BJS will light up water life in 18 districts of the state | Patrika News
बैंगलोर

कर्नाटक के 18 जिलों में जल-जीवन की अलख जगाएगा बीजेएस

बीजेएस व राज्य सरकार में हुआ समझौता

बैंगलोरMar 25, 2023 / 04:44 pm

Santosh kumar Pandey

bjs.jpg
बेंगलूरु. कहते हैं, जल है तो कल है और जल ही जीवन है। जल और जीवन के इसी रिश्ते को मजबूत करने के उद्देश्य से भारतीय जैन संघटना (बीजेएस) अब राज्य में पानी की किल्लत से जूझ रहे 18 जिलों में जल संरक्षण की अलख जगाएगा। देश में समाज के सर्वांगीण विकास व प्रकृति संरक्षण के लिए कार्यरत संघटना सूख चुके जल स्रोतों को पुनर्जीवित करेगा और लोगों को पानी बचाने का संदेश भी देगा।
संघटना और कर्नाटक सरकार के बीच हुए समझौते पर संघटना के पूर्व राज्य अध्यक्ष व मिशन-100 के कर्नाटक प्रमुख ओमप्रकाश लुणावत व संघटना के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और मिशन-100 के कर्नाटक प्रमुख गौतम बाफना ने हस्ताक्षर किए। कर्नाटक सरकार के पंचायती राज विभाग के मुख्य सचिव एल.के. अतीक ने इस मौके पर विश्वास जताया कि राज्य सरकार की ओर से चयनित इन जिलों में अब जल संरक्षण पर प्रभावी काम होगा और एक इतिहास बनेगा। उन्होंने वरिष्ठ अधिकारी शिल्पा नाग की नोडल अधिकारी के रूप में नियुक्ति करते हुए कहा कि जैन समाज ने उदारता व कार्यकुशलता के दम पर अलग पहचान बनाई है। रेलवे स्टेशनों पर प्याऊ से लेकर पक्षियों व पशुओं के लिए पीने के पानी की व्यवस्था करता आया है। उन्होंने सरकार की तरफ से हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया और बीजेएस के साथ जुडक़र काम करने के लिए तत्काल सभी जिलों के लिए एडवाइजरी जारी कर दी। अतीक ने कहा कि सरकार बीजेएस के साथ मिलकर अन्य कई क्षेत्रों में भी लोक कल्याण के काम कर सकती है।
मौके पर संघटना के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष गौतम बाफना, कर्नाटक अध्यक्ष उत्तमचंद बांठिया, महामंत्री आशीष भंसाली, बेंगलूरु शहरी जिले के जल प्रमुख शीतल लुणावत, अभिषेक डूंगरवाल, बीजेएस मुख्यालय से समन्यवक अविनाश सूर्यवंशी भी उपस्थित थे।
बीजेएस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष गौतम बाफना ने बताया कि उदयपुर में पिछले साल दिसम्बर में आयोजित राष्ट्रीय अधिवेशन में जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत व पंचायती राज मंत्री कपिल मोरेश्वर पाटिल की मौजूदगी में दो सालों में १०० जिलों में जल संरक्षण का काम करने पर समझौता हुआ था। इसे मिशन १०० का नाम दिया गया था। अधिवेशन में राजस्थान, गुजरात, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, तमिलनाडु, पुदुच्चेरी, यूपी, एमपी, ओडिशा, पंजाब, जम्मू-कश्मीर में जल संरक्षण के लिए समझौते पर हस्ताक्षर हुए थे। आज का समझौता इसी दिशा में उठा हुआ महत्वपूर्ण कदम है।
जैन समाज के काम के रूप में बनी पहचान

बाफना ने कहा कि हम केवल राजस्थानी नहीं, देश व कर्नाटक के हित में काम करने वाले लोग हैं। हम कर्नाटक की मिट्टी से जुड़े हुए हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि इसमें सरकार के साथ ही समूचे जैन समाज का सहयोग मिलेगा। कुछ साल पहले हम यादगिर व रायचूर जिले में काम कर चुके हैं जिसकी सफलता एक उदाहरण बन चुकी है। महाराष्ट्र में भी संघटना का काम लोगों की जुबान पर है जिसकी सराहना सरकार भी कर चुकी है। हमारा काम केवल बीजेएस का काम नहीं, जैन समाज के काम के रूप में जाना जाता है। यह हमारे लिए गौरवान्वित करने वाली बात है। हम भी चाहते हैं कि लोग इसे जैन समाज के काम के रूप में देखें।
ऐसे करेंगे तालाबों को पुनर्जीवित

कर्नाटक अध्यक्ष उत्तमचंद बांठिया ने कहा कि जो लोग योजना में सहयोग के लिए आगे आना चाहते हैं, उनका स्वागत है। लोग पानी की समस्या से जूझ रहे गांवों या तालाबों को गोद लेकर जल संरक्षण पर काम कर सकते हैं। हर जिले में बीजेएस के कार्यकर्ता मौजूद हैं और वे अभियान के माध्यम से लोगों में नई आशा व उम्मीद का संचार करने के लिए तैयार हैं। पंचायत सदस्यों के सहयोग से जल के समुचित उपयोग के लिए लोगों को जागरूक किया जाएगा। तालाबों से गाद निकाली जाएगी और किसानों को खाद के रूप में इसका उपयोग करने की जानकारी दी जाएगी। योजना के सुव्यवस्थित क्रियान्वयन के लिए हर जिले में एक समन्वयक की नियुक्ति की जाएगी।
जल संरक्षण के लिए इन जिलों का हुआ चयन

बेंगलूरु शहरी, बेंगलूरु ग्रामीण, बेलगावी, बेल्लारी, बीजापुर, चित्रदुर्ग, दावणगेरे, धारवाड़, गदग, कलबुर्गी, मंड्या, मैसूरु, रायचूर, शिमोग्गा, यादगिर, कोलार, रामनगर, चिकबल्लापुर।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो