इसरो ने कहा है कि टीएलआई प्रक्रिया पूरी करने के लिए chandrayaan-2 के लिक्विड इंजन को 1203 सेकेंड तक फायर किया गया।इसके बाद chandrayaan-2 लूनर ट्रांसफर ट्रेजटरी में प्रवेश कर गया। यानी chandrayaan-2 अब चांद के वक्र प्रक्षेप पथ पर चल पड़ा है। चांद का पीछा करते हुए यह आगामी 20 अगस्त को चांद के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र में प्रवेश करेगा। तब यान का तरल इंजन फायर कर उसकी गति धीमी कर दी जाएगी और वह चांद की कक्षा में प्रवेश कर जाएगा।
इसरो ने कहा है कि 22 जुलाई को प्रक्षेपण के बाद 23 जुलाई से 6 अगस्त के बीच चन्द्रयान-2 के 5 मैनुवर सफलतापूर्वक पूरे किए गए। यान ठीक हालत में है और उस पर लगातार नजर रखी जा रही है। इसरो के टेलिमेटरी ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क (इस्ट्रैक) में मिशन ऑपरेशन कंपलेक्स द्वारा यान को नियंत्रित किया जा रहा है। बयालालू स्थित इसरो का डीप स्पेस नेटवर्क इसमें मददगार साबित हो रहा है क्योंकि बयालालू के जरिए ही chandrayaan-2 से संपर्क स्थापित किया जाता है।
इसरो ने कहा है कि अब chandrayaan-2 आगामी 20 अगस्त को चांद की कक्षा में पहुंचेगा और तब तरल इंजन को फिर एक बार फायर किया जाएगा और वह चांद की कक्षा में प्रवेश कर जाएगा।
20 अगस्त की सुबह 8.30 से 9.30 बजे के बीच चंद्रयान-2 चांद के 118 किमी गुणा 18078 किमी वाली कक्षा में प्रवेश करेगा। इसके बाद 21 अगस्त को दोपहर 12.30 बजे से 1.30 बजे के बीच इसे 121 गुणा 4303 किमी वाली कक्षा में लाया जाएगा। फिर 28 अगस्त की शाम 5.30 बजे से 6.30 बजे के बीच इसे 178 गुणा 1411 किमी वाली कक्षा में डाला जाएगा। चंद्रयान-2 30 अगस्त शाम 6 बजे से 7 बजे के बीच चांद की 126 गुणा 164 किमी वाली कक्षा में भेजा जाएगा। अंतत: 1 सितम्बर को शाम 6 बजे से 7 बजे के बीच इसे 114 गुणा 128 किमी वाली कक्षा में पहुंचा दिया जाएगा।
अगले ही दिन यानी 2 सितम्बर को चंद्रयान-2 के आर्बिटर से लैंडर अलग होगा और चांद पर उतरने के लिए चल पड़ेगा। लैंडर 7 सितम्बर को चांद के दक्षिणी धु्रव पर उतरेगा।